-राष्ट्रपति को दी गई याचिका में कहा गया था संसदीय सचिव लाभ के पद पर है।
वो सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्हें मंत्री के ऑफिस में जगह दी
गई है। ये भी पढ़ें - यहां सुहाग उजड़ने के भय से करवा चौथ का व्रत नहीं
-संविधान के अनुच्छेद 191 के तहत और राष्ट्रीय राजधानी
क्षेत्र ऐक्ट 1991 की धारा 15 के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति लाभ के पद पर है
तो उसकी सदस्यता खत्म हो जाती है।
-संसदीय सचिव शब्द दिल्ली विधानसभा की नियमावली में है ही नहीं. वहां केवल मंत्री शब्द का जिक्र किया गया है।
- दिल्ली विधानसभा ने संसदीय सचिव को लाभ के पद से बाहर नहीं रखा है।
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