रायपुर। छत्तीसगढ़ में मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कैबिनेट की बैठक बुलाई। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक के दौरान प्रदेश में 15 प्रजातियों की लकडिय़ों को ट्रांजिट पास से छूट दी जाएगी। मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ अभिवहन (वनोपज) नियम 2001 में संशोधन करने का निर्णय लिया है। इसके तहत 15 विभिन्न प्रजातियों के लकडिय़ों के परिवहन के लिए अभिवहन पास की जरूरत नहीं होगी। इनमें सिरिस, रिमझा, रबर, शंकुधारी प्रजातिया (पाईन प्रजातियों को छोडक़र), आस्ट्रेलियन बबूल, केसिया साइमिया, बकैन, ग्लेरिसीडिया, खमेर, कदम, सिस्सू, कपोक, महारुख और सिल्वर ओक शामिल है। इसके अलावा सात जिलों सरगुजा, जशपुर, जांजगीर-चांपा, कोरबा, धमतरी, कवर्धा और महासमुंद में बांस को भी अभिवहन पास (ट्रांजिट पास) से छूट दी जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भारत सरकार से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत शक्कर की प्राप्त सबसिडी को अन्त्योदय परिवारों से बढ़ाकर सभी राशन कार्डधारी परिवारों (58,24,676 परिवार) को एक किलोग्राम प्रतिमाह प्रति राशनकार्ड की देने का निर्णय लिया गया। राज्य की ऐसी 3120 बसाहटें जो वर्तमान में विद्युतिकरण के लिए संचालित केन्द्र सरकार एवं राज्य शासन की योजनाओं में शामिल नहीं है, उनमें दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के मापदंडों के अनुसार विद्युतीकरण का निर्णय लिया गया। इस पर लगभग 190 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। मंत्रिपरिषद ने राज्य की सामान्य भविष्य निधि तथा अंशदायी भविष्य निधि पर 1.04.2017 से 30.06.2017 तक की अवधि के लिए ब्याज दर 7.9 प्रतिशत रखने का निर्णय लिया है।
मंत्रियों की स्वेच्छा अनुदान राशि एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.50 करोड़ रुपये, राज्यमंत्रियों की स्वेच्छा अनुदान राशि 80 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ और संसदीय सचिवों की स्वेच्छा अनुदान राशि 50 लाख से बढ़ाकर 70 लाख रुपये करने का निर्णय लिया गया। लोक सुराज अभियान के दौरान जिलेवार समीक्षा में यह पाया गया कि, रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर के अधिसूचित अनुसूचित जनजाति के विकासखंडों और इन संभागों के सामान्य विकासखंडों के अधिसूचित माडा पाकेट क्षेत्रों के हाईस्कूलों और हायर सेकेंडरी स्कूलों के अंग्रेजी, गणित, वाणिज्य और विज्ञान समूह के व्यख्याताओं के 1882 पद रिक्त हैं। जो कुल पदों का लगभग 40 प्रतिशत है।
इन क्षेत्रों में स्थित विकासखंडों और माडा पाकेट क्षेत्रों में अंग्रेजी, गणित, वाणिज्य और विज्ञान समूह के विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी को देखते हुए इन स्कूलों में भी बस्तर और सरगुजा संभागों की तर्ज पर प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से विद्या मितानों के रूप में छत्तीसगढ़ के निवासियों की सेवाएं प्राप्त करने निर्णय मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया।
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