• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

वैशाली में ‘राष्ट्रवाद’ के सामने भविष्य की लड़ाई लड़ रहे रघुवंश

Raghuvansh fighting for the future in front of nationalism in Vaishali - Vaishali News in Hindi

पटना। संपूर्ण विश्व को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने वाली धरती बिहार के वैशाली में इस लोकसभा चुनाव में भी लोकतंत्र की चर्चा है। इस चुनाव में यहां वादे भी हैं, राष्ट्रवाद भी है, जाति और आारक्षण के भी तराने हैं और अपने-अपने अफसाने भी हैं। लेकिन अभी तक स्थानीय समस्याओं को लेकर स्थानीय लोगों के दर्द महसूस करने की समझ किसी पार्टी के नेता में नहीं आई है।

भगवान महावीर की जन्मस्थली से नेता लोकसभा पहुंचना तो चाहते हैं, लेकिन यहां की समस्याओं में वे अपनी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैंं। वैशाली संसदीय क्षेत्र में वैशाली जिले का केवल एक वैशाली विधानसभा आता है जबकि मुजफ्फरपुर जिले के पांच विधानसभा मीनापुर, कांटी, बरूराज, पारू और साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

वैशाली लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला आमने-सामने का माना जा रहा है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में यह सीट लोजपा के खाते में आई है और पार्टी ने यहां से वीणा देवी को मैदान में उतारा है। महागठबंधन ने एक बार फिर यहां से पांच बार सांसद रहे राजद के नेता रघुवंश प्रसाद सिंह पर भरोसा जताते हुए उन्हें एक बार फिर चुनावी मैदान में उतारा है।

वर्ष 1977 से पहले इस क्षेत्र में कांग्रेस का एकछत्र राज हुआ करता था, लेकिन कलांतर में कांग्रेस का वर्चस्व यहां से कम होता गया। समाजवादियों के दबदबे वाले इस क्षेत्र में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उदय के बाद राजद का दबदबा रहा है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह यहां से लगातार पांच बार सांसद निर्वाचित हुए। वे 1996 में जनता दल तथा 1998, 1999, 2004 एवं 2009 में राजद के टिकट पर चुनाव जीते, परंतु 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रत्याशी लोजपा नेता रामा किशोर सिंह ने उन्हें शिकस्त दी।

राजद के उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह भी यहां से ‘छक्का’ मारने की तैयारी में हैं, लेकिन इस बार भी उनके लिए यह चुनावी मैदान मारना आसान नहीं है।

इस चुनावी मैदान में कई नए खिलाड़ी अपने जातीय समीकरण की ‘गुगली’ से उनके छक्का मारने को रोकने के फिराक में हैं, जबकि उन्हें भी राजपूत, यादव और मुस्लिम मतदाताओं का भरोसा है।

इस चुनाव में हालांकि केंद्र सरकार द्वारा संसद में लाए गए सवर्ण आरक्षण का राजद द्वारा विरोध करने पर सवर्णों में भारी नाराजगी है।

पारू विधानसभा क्षेत्र के जैतपुर कॉलेज के छात्र भानुप्रताप सिंह कहते हैं, ‘‘रघुवंश यहां से राजपूत और मुस्लिम-यादव (एम-वाय) समीकरण को जोडक़र ही पांच बार सांसद बने हैं। सवर्ण आरक्षण बिल के खिलाफ वे धरने पर बैठे थे। उन्हें राजपूत में गरीब नजर नहीं आता है? इस बार राजपूत उनके खिलाफ वोट करेगा।’’

लोजपा के समर्थकों का मानना है कि लोजपा के प्रत्याशी ना केवल राजपूत जाति के हैं, बल्कि इनके निशाने पर सवर्ण मतदाता भी हैं। हालांकि इस क्षेत्र में भूमिहार मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं, लोजपा को यकीन है कि इस समाज का वोट भी उन्हें मिलेगा। इसके अलावा लोजपा के नेता प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांग रहे हैं।

मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार पांडेय कहते हैं कि यहां से कुल 22 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला दोनों गठबंधनों में है।

उन्होंने कहा, ‘‘भले ही सभी दल के प्रत्याशी अपने स्वजातीय मतदाताओं पर भरोसा जमाए बैठे हैं, लेकिन सही मायने में इस चुनाव के परिणाम को मध्यम वर्ग के मतदाता प्रभावित करेंगे। मतदान के प्रतिशत के बढऩे की स्थिति में राजग को लाभ मिलने की उम्मीद है।’’

वे कहते हैं कि राजद उम्मीदवार 72 वर्षीय रघुवंश सिंह से स्वजातीय युवा नाराज हैं, जबकि दो राजपूतों की लड़ाई में भूमिहार के रुख को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसे में किसी भी दल की स्पष्ट बढ़त नजर नहीं आ रही है। मुकाबला कांटे का है। उनका कहना है कि संभव है सिंह यह आखिरी चुनाव लड़ रहे हों।

वैसे युवा मतदाता यहां के कई समस्याओं को लेकर मुखर भी हैं। युवा मतदाता नरेंद्र मोदी के राष्ट्रवाद की बात तो जरूर करते हैं, लेकिन इस क्षेत्र की समस्याओं को भी वे उठाना नहीं भूलते।

उल्लेखनीय है कि राजग उम्मीदवार वीणा देवी के पति दिनेश सिंह पहले रघुवंश प्रसाद सिंह के चुनाव की व्यवस्था संभालते थे, ऐसे में कहा जा रहा है कि सिंह के सभी रणनीति की उन्हें जानकारी है। ऐसे में वे अपनी पत्नी के लिए सिंह के आधार वोट में सेंधमारी करने के साथ-साथ उनकी चुनावी व्यूह रचना को भी भेदना चाहेंगे।

बहरहाल, इस क्षेत्र में छठे चरण में 12 मई को मतदान होना है, लेकिन इतना तय माना जा रहा है कि जातीय समीकरणों के बीच ‘राष्ट्रभक्ति’ और आरक्षण की चाल इस संसदीय क्षेत्र के परिणाम को अवश्य प्रभावित करेगा।

(आईएएनएस)

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-Raghuvansh fighting for the future in front of nationalism in Vaishali
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: lok sabha chunav 2019, general election 2019, election 2019, lok sabha chunav, लोकसभा चुनाव, रघुवंश प्रसाद सिंह, raghuvansh prasad singh, nationalism, vaishali, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, vaishali news, vaishali news in hindi, real time vaishali city news, real time news, vaishali news khas khabar, vaishali news in hindi
Khaskhabar.com Facebook Page:

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2024 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved