उल्लेखनीय है कि इस फर्जीवाड़े में सृजन स्वयंसेवी संस्था में सरकारी
योजनाओं के पैसे रखे जाने और संस्था द्वारा इसके व्यक्तिगत इस्तेमाल का
खुलासा हुआ है। इधर, राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को
एक बयान जारी कर कहा, भागलपुर फर्जीवाड़ा मामले में अभी तक प्रारंभिक जांच
में 302.70 करोड़ की राशि के गबन का मामला प्रकाश में आया है। इस क्रम में
यह बात सामने आई है कि बैंक अधिकारियों, स्वयंसेवी संस्था एवं सरकारी
अधिाकरियों की मिलीभगत से जाली हस्ताक्षर, जाली बैंक स्टेटमेंट के आधार पर
अवैध रूप से रुपये की निकासी की जा रही थी। ये भी पढ़ें - यहां परियों सी खूबसूरती के साथ नजर आती है बहादुरी
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