गुवाहाटी। असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा ने कैंसर जैसी घातक बीमारियों को लेकर एक अजीबो-गरीब बयान दिया, जिस पर अब विवाद खड़ा हो गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पूर्व में किए गुनाहों के कारण लोगों को कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां झेलनी पड़ती हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने इसे दैवीय न्याय करार दिया। शर्मा के इस बयान पर चारों तरफ निंदा हो रही है। स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर कांग्रेसी नेता देबब्रत सैकिया ने कहा, स्वास्थ्य मंत्री का यह बयान बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। यह कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से पीडि़त लोगों की भावनाओं को दुख पहुंचाने जैसा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मंत्री को इस बयान पर सार्वजनिक रूप से मांफी मांगनी चाहिए। कैंसर पीडि़त मरीजों ने भी स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। मरीजों ने कहा कि यह बहुद दुखद है कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री उन बीमारियों के बारे में इस तरह का बयान दे रहे हैं जिनके कारण वैज्ञानिक रूप से स्पष्ट हैं।
ये था बिस्व का विवादित बयान
गुवाहाटी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हेमंत बिस्व शर्मा ने कहा, जब हम पाप करते हैं तो भगवान हमें उसकी सजा देता है। कई बार इस तरह की खबरें सामने आती हैं कि किसी युवा को कैंसर हो गया या फिर कोई दुर्घटना का शिकार हो गया। अगर हम इन कारणों के पीछे जाएंगे तो पाएंगे कि दैवीय न्याय के कारण ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा कोई जरूरी नहीं है कि यह गलती हम खुद करें। कई बार संभव है कि शायद मेरे माता-पिता कोई गलती करें। कोई भी गलती करेगा तो दैवीय न्याय से बचा नहीं जा सकता। उसका परिणाम भुगतना पड़ता है।
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