हैदराबाद। मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि मौलाना सलमान हुसैनी नदवी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) में दरार डालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारों पर काम कर रहे हैं। उन्होंने मंदिर के लिए बाबरी मस्जिद की जमीन छोड़ देने वालों के सामाजिक बहिष्कार का भी आह्वान किया। ओवैसी ने नदवी का नाम लिए बिना कहा, कुछ लोग मोदी के इशारों पर नाच रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
नदवी को अयोध्या में बाबरी मस्जिद की जमीन को राम मंदिर के निर्माण के लिए छोड़ देने के अपने प्रस्ताव को लेकर रविवार को हुई बोर्ड की बैठक में बोर्ड से हटा दिया गया था।
ओवैसी ने बोर्ड की तीन दिवसीय बैठक के समाप्त होने के बाद बोर्ड की ओर से आयोजित सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए नदवी पर बोर्ड के रुख से अलग जाने पर निशाना साधते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
नदवी ने शुक्रवार को शुरू हुई बोर्ड की 26वीं पूर्ण बैठक की पूर्वसंध्या पर बेंगलुरु में श्री श्री रविशंकर से मुलाकात की थी और यह प्रस्ताव रखा था कि छह दिसंबर, 1992 तक जिस जमीन पर बाबरी मस्जिद खड़ी थी, उस जमीन को राम मंदिर निर्माण के लिए छोड़ देना चाहिए और किसी और जमीन पर मस्जिद का निर्माण करना चाहिए।
ओवैसी ने कहा, वह (नदवी) कह रहे हैं कि उनके प्रस्ताव से देश में शांति और एकता सुनिश्चित होगी। क्या हम अरब में एकता के नाम पर मस्जिद-ए-अक्सा (जेरूसलम में अल-अक्सा मस्जिद) को भी छोड़ दें।
ओवैसी ने कहा कि नदवी उन मौलवियों में से हैं, जिन्होंने 2001 में उस फतवे पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें कहा गया था कि मस्जिद को अनंत काल तक के लिए मस्जिद ही रहने देना चाहिए और मुसलमान बाबरी मस्जिद की जमीन नहीं छोड़ सकते।
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