शीत ऋतु में शरीर को प्राकृतिक रूप से पौष्टिक
तत्व भरपूर मात्रा में मिलते हैं। यही वह समय भी है, जब शरीर की ऊर्जा में
बढोतरी होती है और स्वस्थ रहने के लिए अतिरिक्त प्रयास नहीं करना पडता।
सर्दियों में जितने विटमिंस और पौष्टिक तत्व शरीर को मिलते हैं, वे साल भार
शरीर को स्वस्थ बनाए रखते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हार्मोनल बदलाव
मेलाटोनिन ज्यादा
बढाता है, जिससे अनिद्रा और फटीग जैसी समस्याएं होती हैं। इनका कारण सूर्य
की रोशनी का अभाव है। इसेस महिलाएं में अवसाद पनपता है। यूं तो सर्दियों
छुट्टियां और खुशियां मनाने का मौसम है, लेकिन इस मौसम में कई आम समस्याएं
भी होती हैं। जैसे सीजनल एफेक्टिव डिसॉर्डर सेड, सांस संबंधी, कोल्ड-कफ,
वजन बढना, त्वचा का रूखा होना और गले में खराश।
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