केसर का प्रयोग बिरयानी, खीर, मिठाई और
केसर का दूध सौंदर्य उत्पादों में फ्लेवर डालने के लिए किया जाता है। यह
आमतौर पर स्वास्थ्य के पूरक पदार्थाे में हाजमें को दरूस्त करने के लिए
किया जाता है। केसर का सेवन करने से महिलाओं को मासिक धर्मका समस्याओं से
मुक्ति मिलती है। केसर एक सुगंध देने वाला पौधा है। पतली बाली सरीखा केसर
15-25 सेंटीमीटर ऊंचा होता है। पत्तियां संकरी, लंबी और नालीदार होती हैं।
इनके बीच से पुष्पदंड निकलता है, जिस पर पुष्प होते हैं। आयुर्वेद और
यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में केसर का विशेष महत्व है। कई
अध्ययनों से पता चला है कि गर्भवती महिला को प्रतिदिन दूध में केसर घोलकर
पिलाने से जन्म लेने वाले शिशु का रंग गोरा होता है। इतना ही नहीं, यदि मां
गर्भावस्था के दौरान केसर का सेवन करती है तो इससे उसका होने वाला बच्चा
तंदुरुस्त होता है और कई तरह की बीमारियों से बचा रहता है। कई बार नवजात
शिशु को सर्दी जकड लेती है। इससे कभी-कभी उसकी नाक भी बंद हो जाती है जिससे
बच्चा मुंह से सांस लेने लगता है और हकलाने लगता है। ऐसी स्थिति में मां
के दूध में केसर मिलाकर बच्चे के सिर और नाक पर मलें। इससे बच्चे को काफी
आराम मिलता है और उसकी बेचैनी कम हो जाती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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