आयुर्वेद के ग्रंथों में इसके गुणों की
व्यापाक रूप से चर्चा की गई है और इसके सेवन को अत्यधिक फायदेमंद और बलदायक
बताया गया है। अनन्नास बतौर फल खने के अलावा रस, शर्बत, मुरब्बा के रूप
में भी सेवन किया जाता है।
अनन्नास मधुर, तृप्तिकारक व स्फूर्तिदायक फल
है। इसमें कैल्शियम, फाइबर, मैग्रीनशियम और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में
पाया जाता है। यह पीलिया, उच्च रक्तचाप, यकृत दोष आदि रोगों में लाभकारी
होता है। इसमें ब्रोमेलिन नामक एंजाइम भी पाया जाता है, जो प्रोटीन को
पचाने, ब्रोंकाइटिस, एब्सेस न्यूमोनिया, गुर्दे का संक्रमण आदि में कार्य
करता है। इससे शरीर की प्रतिरेाधक क्षमता भी बढती है। इससे गले को ठंडक
मिलती है साथ ही गले के रोगों से बचाव होता है।
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