न्यूयॉर्क। अगर आपके किशोर बेटे/बेटी देर रात तक जगे होते हैं, तो उनमें नींद सबंधी दिक्कत हो सकती है, जिससे मनोदशा संबंधी विकार और खास तौर से अवसाद का जोखिम बढ़ सकता है। शोधकर्ताओं ने यह चेतावनी दी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अमेरिका की पीट्सबर्ग विश्वविद्यालय के पीटर फ्रेंनजेन की अगुवाई में किए गए इस शोध में कहा गया है कि नींद से वंचित किशोर में जोखिम लेने के व्यवहार के पैदा होने तथा नशे की चपेट में आने का जोखिम रहता है।
इसकी वजह है कि ज्यादा समय से नींद से वंचित रहना पुटामेन के कामकाज को प्रभावित करता है। पुटामेन मस्तिष्क का वह भाग होता है जो लक्ष्य आधारित गतिविधियों व सीखने में प्रमुख भूमिका निभाता है। नींद की कमी से मष्तिष्क की ‘पुरस्कार प्रणाली’ की सक्रियता भी कम हो जाती है।
इस शोध को कैलिफोर्निया के अमेरिकन कॉलेज ऑफ न्यूरोसाइकोफार्माकोलोजी की 56 वें सालाना बैठक के दौरान प्रस्तुत किया गया। इसमें शोधकर्ताओं ने 11 से 15 साल आयु वाले प्रतिभागियों के नींद के व्यवहार का अध्ययन किया।
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