नई दिल्ली। उम्र बढऩे के साथ त्वचा के नीचे स्थित ऊतकों से वसा की मात्रा
कम होने लगती है। इसके साथ ही सूर्य की रोशनी और प्रदूषण की वजह से होने
वाले नुकसान के कारण रेखाओं और झुर्रियों के साथ त्वचा की चमक खो जाती है
जिसके कारण वृद्ध और थके हुए नजर आते हैं। पीआरपी थेरेपी के जरिये त्वचा की
खोई हुई टेक्सचर, टोन और प्राकृतिक चमक वापस पाने में मदद मिलती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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अस्पताल के कॉस्मेटिक प्लास्टिक सर्जन एवं एंड्रोलोजिस्ट अनूप धीर ने कहा
कि पीआरपी (प्लेटलेट-रीच प्लाज्मा) थेरेपी में त्वचा को नया रूप देने के
लिए प्लेटलेट और प्लाज्मा (रक्त के भीतर मौजूद तत्व) की उपचारात्मक शक्ति
का इस्तेमाल किया जाता है।
उन्होंने कहा कि प्लेटलेट्स रक्त में
पाई जाने वाली एक प्रकार की कोशिकाएं हैं। इनमें वृद्धि करने की शक्ति होती
है और वे चोट के क्षेत्र में थक्का बनाने में अहम भूमिका निभाती हैं,
इसलिए रक्तस्राव रोक देती हैं। प्लाज्मा रक्त का तरल हिस्सा है।
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