किविमाकी ने कहा, ‘‘यह
उन प्रक्रियाओं में से एक हो सकता है जिसे पहले के अध्ययनों में लंबे समय
तक काम करने वालों में स्ट्रोक के खतरे की संभावना बताई गई है। आट्रियल
फाइब्रलेशन स्ट्रोक के विकास व स्वास्थ्य पर दूसरे प्रतिकूल असर डालता है।
इसमें हार्ट फेल्योर व स्ट्रोक से जुड़े डेमेंशिया शामिल हैं।’’ इस शोध का
प्रकाशन ‘यूरोपियन हार्ट जनरल’ में किया गया है। ये भी पढ़ें - जानिए: हरे धनिया के 10 चमत्कारी गुण
--आईएएनएस
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