नई दिल्ली। बारिश की फुहारें और सुहावना मौसम लाने वाला मानसून त्वचा
संबंधी कई बीमारियां भी साथ लेकर आता है। मानसून में कई लोगों को खुजली,
मुंहासे या फिर त्वचा के अधिक तैलीय होने की समस्या होती है, लेकिन
बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण सर्वाधिक परेशानी का सबब बनते हैं और समय रहते
इन पर सावधानी न बरती जाए तो यह समस्या गंभीर हो जाती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राष्ट्रीय
राजधानी के सर गंगा राम अस्पताल के त्वचा विशेषज्ञ डॉ. रोहित बत्रा ने इस
समस्या से बचने के लिए बताया, ‘फंगल संक्रमण का सबसे आम कारण आद्र्रता है,
जिसके कारण डर्माटाइटिस (त्वचा का लाल होना या सूजन होना) और बालों में
रूसी जैसी समस्या होती है। सामान्य फंगल संक्रमण की तुलना में स्कैल्प (सिर
की त्वचा) संक्रमण के लक्षण थोड़े अलग होते हैं। आपने अक्सर सिर पर छोटे
फोड़े या चिपचिपी परत देखी होगा। ऐसे में जितनी जल्दी हो सके विशेषज्ञ की
मदद लें। अगर इसका समय पर उपचार न हो तो बाल झडऩे लगते हैं और समस्या भी
बढ़ सकती है। इस समस्या की पहचान करना बहुत आसान है। अगर आपको सिर में
खुजली, बालों का गिरना, सिर पर फोड़ा या फुंसी जैसी परेशानी हो तो तुरंत
चिकित्सक के पास जाएं।’
सिर की त्वचा में संक्रमण से बचाव और उपचार
के बारे में उन्होंने बताया, ‘अपने सिर को सूखा रखना चाहिए। बारिश में
भीगने के बाद अगर आपने बालों को सही तरीके से न सुखाया तो यह बालों में नमी
का कारण बनती है। यह फंगल संक्रमण का कारण है। मानसून में फंगल संक्रमण से
बचने का सबसे अच्छा तरीका सफाई है। ऐसे में हम आपको एंटी फंगल और एंटी
बैक्टीरियल पाउडर इस्तेमाल करने का सुझाव भी देंगे।’
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