मॉडर्न लाइफस्टाइल के चलते हमारी खाने
पीने की आदत काफी बदल गई है। हम पौष्टिक चीजें खाने की बजाय स्वाद को अधिक
प्राथमिकता देने लगे हैं, जैसे- जंक फूड्स, तली भुनी चीजें, कोल्ड
ड्रिंक्स, चॉकलेट, आइस्क्रीम आदि। खानपान में गडबडी के चलते शरीर में
कैल्शियम की कमी एक आम समस्या हो गई है,जो आगे चलकर स्वास्थ्य को प्रभावित
करती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शरीर के स्वस्थ और संतुलित विकास के लिए हर उम्र मेें कैल्शियम
की आवश्यकता होती है। बढते बच्चों के शरीर, दांतों के आकार और हड्डियों को
मजबूत बनाने के लिए भी कैल्शियम जरूरी है।
कैल्शियम
बॉडी की
प्रत्येक कोशिश को कैल्शियम की जरूरत इसलिए होती है, क्योंकि हमारी बॉडी
में स्किन, नाखून, बाल और मल के जरिए रोज ही कैल्शियम की कुछ मात्रा नष्ट
होती रहती है। इसलिए कैल्शियम की कुछ मात्रा नष्ट होती रहती है। इसलिए
कैल्शियम का संतुलन बनाए रखने के लिए इसकी रोज ही पूर्ति कर ली जाए, तो
अच्छा रहता है। यदि ऐसा नहीं होगा, तो हमारा शरीर हड्डियों से कैल्शियम
लेने लगेगा। नतीजा बाहर से भले ही हम कमजोर ना लगें, लेकिन अन्दर ही अन्दर
हड्डियाँ खोखली हो जाएंगी और शरीर कमजोर और कमजोर हड्डियाँ कई तरह की
पेरशानियाँ पैदा करती हैं, जैसे- जरा-सी चोट लगने पर ही फ्रैक्चर हो सकता
है। यही नहीं, कैल्शियम हृदय, मांसपेशियों, ब्लड क्लॉटिंग के लिए भी बेहद
जरूरी होता है।
इसके अलावा कैल्शियम मांसपेशियों के कई काम में मदद करता है। जैसे-
कैल्शियम
नर्वस सिस्टम के संदेश मस्तिष्क तक पहुंचाने में सहायक है, जैसे- यदि आपने
किसाी गरम वस्तु को छू लिया है, तो मस्तिष्क तुरंत एक संदेश भेजेगा, जिससे
आपके मुंह से आह!... आउच!
की आवाज आएगी और आप अपने हाथ का जल्दी से दूर हटा लेंगे।
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