नई दिल्ली। यशवर्धन स्वामी, पोषण विशेषज्ञ, स्वास्थ्य और फिटनेस विशेषज्ञ कहते हैं कि पहली बात जो हमें पहचाननी चाहिए वह यह है कि हमारे शरीर की हर प्रणाली आपस में जुड़ी हुई है। इसलिए, हमारा शारीरिक स्वास्थ्य हमारे मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, और हमारा मानसिक स्वास्थ्य हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। हम इन नियमों को नियमों की तरह नहीं मानते हैं, क्योंकि ये जीवन का एक तरीका हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पूरा पोषण लेना
पोषण लेने का मतलब यह नहीं है कि हम हर समय सलाद खाते रहते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करता है कि हम अपने शरीर को प्रोटीन, काबोर्हाइड्रेट, वसा से लेकर सभी विटामिन और खनिजों तक सभी पोषक तत्वों से भर दें। यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारा कुल कैलोरी सेवन हमारे शरीर संरचना लक्ष्यों के अनुरूप है। यह भी सुनिश्चित करते हुए कि हमारे आहार में हमारे पसंदीदा और मुख्य खाद्य पदार्थ हैं। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि हमारे शरीर का 50-60 प्रतिशत हिस्सा पानी से बना है और हमें इष्टतम स्वास्थ्य, मस्तिष्क के कार्य आदि के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है।
इसके बाद आता है व्यायाम और गतिविधि
सप्ताह में कम से कम 3-5 बार व्यायाम करना हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। व्यायाम का कोई भी रूप जो हमारे लिए सुरक्षित है, और जिसका हम आनंद लेते हैं, हम में से अधिकांश के लिए एक अच्छी शुरूआत है। दैनिक आधार पर सक्रिय रहने और अधिक कदम (8-10' कदम) चलने के साथ इसे जोड़ना एक आदर्श संयोजन बनाता है।
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