वेदों-उपनिषदों में सर्वकल्यांण के लिए अलग-अलग उपाय बताए
गए हैं, लेकिन शिवपुराण के अनुसार केवल एक मंत्र के जाप करने भर से दुनिया
की सभी सम्पन्नता हासिल की जा सकती है- ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शिवपुराण के
अनुसार “ॐ नमः शिवाय” एक ऐसा मंत्र जिसके नाम मात्रा से सभी बाधाएं ख़त्म हो
जाती है। इसकी महिमा हमारे पुराणों में बताई गयी है। प्रणव मंत्र “ॐ” के
साथ “नमः शिवाय”(पंचाक्षर मंत्र) का मेल करने से षड्क्षर मंत्र का निर्माण
होता है। इसलिए इसे षड्क्षर मंत्र के नाम से जाना जाता है। आज हम “ॐ नमः
शिवाय” मंत्र के अर्थ और महत्व के बारे में जानेंगे।
शिव पुराण के अनुसार यदि कोई भी इस मंत्र की महत्ता का वर्णन करना चाहे तो
100 करोड़ वर्षों के बाद भी यह संभव नहीं है। हमारे वेद और शैवागम में इस
मंत्र को शिवभक्तों की मनोकामना पूर्ण करने वाला बताया गया है।
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