भारतीय धर्म और संस्कृति में महादेवी लक्ष्मी की आराधना को
विशेष महत्व दिया गया है। कमला, रमा, पद्मा, पदमवासा, विष्णुप्रिया आदि
नामो से लोकप्रिय लक्ष्मी जी को सुख, संपदा और धन प्रदान करने वाली माना
गया है। कमल पुष्प पर आसीन देवी लक्ष्मी के दो हाथो में कमल सुशोभित हैं,
वही बाये हाथ से वो धन वर्षा करती हे तो दाहिने हाथ से अपने भक्तो को शुभ
आशीर्वाद प्रदान करती हैं। आगम ग्रंथ में लक्ष्मी जी को दो भुजा वाली
दर्शाते हुए स्वर्णिम आभा वाले कमल पुष्प पर विराजमान होना बताया गया है।
देवी लक्ष्मी के दोनो नेत्र कमल के समान हैं तथा दोनो कानो में मकर की
आकृति के रत्न जडित कुंडल सुशोभित हैं। मां लक्ष्मी को रिझाने और उन्हें
वश में करने के कुछ शास्त्रों में नियम बताए गए हैं- ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कुछ प्राचीन
धार्मिक ग्रन्थो के अनुसार चार भुजा वाली लक्ष्मी जी के हाथो में
श्रीफल,पद्म, अमृतघट और शंख सुशोभित रहते हैं। देवी लक्ष्मी के अलग-अलग
स्वरूप होते हुये भी ज्योति पर्व दीपावली पर विधि-विधान से श्रद्धा पूर्वक
उनका पूजन विशेष फलदायी माना गया है। वैसे शुक्रवार का दिन भी लक्ष्मी जी
की आराधना से जुडा है क्योकि इस दिन खीर और नारियल का प्रसाद लगाकर लक्ष्मी
जी की आराधना करने से जीवन मे सुख, शांति और धन लाभ मिलने लगते हैं।
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