गया (बिहार)। नवरात्र के मौके पर प्रत्येक देवी स्थानों पर भक्तों की भारी
भीड़ इक_ा हो रही है। ऐसे में बिहार के गया शहर से कुछ ही दूरी पर भस्मकूट
पर्वत पर स्थित शक्तिपीठ मां मंगलागौरी मंदिर पर सुबह से ही भक्तों का
तांता लग जाता है। मान्यता है कि यहां मां सती का वक्ष स्थल (स्तन) गिरा
था, जिस कारण यह शक्तिपीठ ‘पालनहार पीठ’ या ‘पालनपीठ’ के रूप में प्रसिद्ध
है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक, भगवान भोले शंकर जब अपनी पत्नी
सती का जला हुआ शरीर लेकर तीनों लोकों में उद्विग्न होकर घूम रहे थे तो
सृष्टि को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने मां सती के शरीर को अपने सुदर्शन
चक्र से काटा था। इसी क्रम में मां सती के शरीर के टुकड़े देश के विभिन्न
स्थानों पर गिरे थे, जिसे बाद में शक्तिपीठ के रूप में जाना गया। इन्हीं
स्थानों पर गिरे हुए टुकड़े में स्तन का एक टुकड़ा गया के भस्मकूट पर्वत पर
गिरा था।
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