यदि स्वप्न लाल पुष्प, तलवार, ब्राह्मण बालक, सरोवर, सूर्य-चंद्र, इंद्रधनुष, फल-फूल युक्त बगीचा, नीम, नारियल, घोड़ा, दही-दूध, मिष्ठान से बनी खीर, जल से भरा कलश, किसी की अर्थी देखना, सुगंध लगाना दिखाई दे, तो ये शुभ स्वप्न की श्रेणी में आते हैं, लेकिन यदि सपने में अग्नि, विधवा स्त्री, एक्सीडेंट, गले का फोड़ा, कलश का टूटना, सीसा का टूटना, रक्त वर्षा, मैले-कुचले व्यक्ति देखना, सुअर, बैल, सियार, नंगी स्त्री, स्वयं के शरीर पर तेल लगाना अशुभता का प्रतीक होते हैं। प्राचीन काल से ही स्वप्न को शुभ व अशुभता का प्रतीक माना जाता था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ब्रह्म मुहूर्त या सूर्योदय से ठीक पहले देखा गया स्वप्न तत्काल और सूर्योदय के बाद देखा गया स्वप्न दो सप्ताह में फलित होता है।
सायंकाल के स्वप्नों का फल तीन सप्ताह, रात्रि के प्रहर के प्रथम प्रहर का स्वप्न सवा साल में, दूसरे प्रहर का स्वप्न एक वर्ष में और तीसरे प्रहर का स्वप्न तीन दिन, तीन माह या तीन साल में फलित होता है। सभी तरह के स्वप्नों को एक व्याख्या में वर्णित नहीं किया जा सकता, क्योंकि कुछ स्वप्न अजीर्णता, मानसिक उत्तेजना या दबी हुई मनोवृत्ति के कारण दिखाई देते हैं, तो कुछ सामान्य अवस्था और गहरी निद्रा में ही आते हैं। क्या होते हैं सपनों के इशारे और उन्हें राशिवार समझ कर किस तरह भविष्य ज्ञान किया जाता है, जानें जरा-
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