जोडिय़ां स्वर्ग में बनती हैं लेकिन कुछ बातें ऐसी भी होती
हैं, जिनके होने पर विवाह को टालना चाहिए या इन परिस्थितियों में विवाह
करने से बचना चाहिए, नहीं तो ऐसी शादी आपको बर्बाद तक कर सकती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वर कन्या का गोत्र एक ही हो। वर या कन्या में से एक मांगलिक हो दूसरा मांगलिक न हो और मांगलिक दोष का परिहार भी न हो रहा हो।
गुण मिलान 18 से कम हो रहा हो।
प्रथम गर्भ के पुत्र और कन्या दोनों का जन्म नक्षत्र, जन्म चंद्र मास और जन्म तिथि एक ही हों।
जेष्ठ पुत्र (सबसे बड़ा), जेष्ठ कन्या और जेष्ठ मास इस प्रकार तीन जेष्ठ में विवाह कदापि नहीं करना चाहिए।
प्रथम
गर्भीय वर कन्या को ही जेष्ठ संतान समझना चाहिए प्रथम गर्भ नष्ट के उपरांत
गर्भ की जीवित संतान जो व्यवहारत: जेष्ठ है किन्तु शास्त्रत: वह जेष्ठ
नहीं कही गई है।
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