विद्वान लोग कहते हैं कि हर जातक की कुंडली में राजयोग होता है, लेकिन कुछ जातक उसे पहचान कर मेहनत करने लगते हैं और कुछ उसकी उपेक्षा कर उम्रभर कोसते रहते हैं। ज्योतिषी कहते हैं कि प्रत्येक कुंडली में कुछ ऐसे योग भी होते हैं, जो उसे औरों से श्रेष्ठ बनाते हैं, जातक को विशेष बनाते हैं। इनमें से कुछ योगों को पहचानने से ही सफलता मिल सकती है। आइए जानें ऐसे ही कुछ चमत्कारी योगों के बारे में- ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
महाराज योग : लग्नेश पंचम में और पंचमेश लग्न में हो, आत्मकारक और पुत्रकारक दोनों लग्न या पंचम में हों, अपने उच्च राशि, स्वराशि या नवमांश में और शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो महाराज योग होता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति के राज्यपाल या मुख्यमंत्री बनने के योग बनते हैं।
भास्कर योग : यदि सूर्य से द्वितीय भाव में बुध हो। बुध से एकादश भाव में चंद्रमा और चंद्रमा से त्रिकोण में बृहस्पति स्थित हो, तो भास्कर योग होता है। इस योग में जन्मा मनुष्य पराक्रमी, रूपवान, गंधर्व विद्या का ज्ञाता, धनी, गणितज्ञ, धीर समर्थ, शास्त्रों का ज्ञाता होता है।
मरूत योग : यदि शुक्र से त्रिकोण में गुरु हो। गुरु से पंचम चंद्रमा और चंद्रमा से केंद्र में सूर्य हो, तो मरूत योग होता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति वाचाल, विशाल हृदय वाला, शास्त्रों का ज्ञाता, क्रय-विक्रय में निपुण, तेजस्वी, विधायक या किसी आयोग का सदस्य होता है।
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