औरंगाबाद (बिहार)। आपने कई सूर्य मंदिरों के बारे में सुना और देखा होगा,
लेकिन बिहार के औरंगाबाद जिले के देव स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर अनोखा है।
कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण स्वयं भगवान विश्वकर्मा ने एक रात में
की थी। यह देश का एकमात्र ऐसा सूर्य मंदिर है, जिसका दरवाजा पश्चिम की ओर
है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस मंदिर के निर्माण का स्पष्ट कोई प्रमाण तो नहीं मिलता है,
मगर कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण डेढ़ लाख वर्ष पूर्व किया गया था।
छठ पर्व के मौके पर यहां लाखों लोग भगवान भास्कर की अराधना के लिए जुटते
हैं।
ऐतिहासिक त्रेतायुगीन पश्चिमाभिमुख सूर्य मंदिर अपनी विशिष्ट
कलात्मक भव्यता के साथ साथ अपने इतिहास के लिए भी विख्यात है। औरंगाबाद से
18 किलोमिटर दूर देव स्थित सूर्य मंदिर करीब सौ फीट ऊंचा है। मान्यता है कि
इस मंदिर का निर्माण त्रेता युग में स्वयं भगवान विश्वकर्मा ने किया था।
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