कैसे मनाते हैं लोहड़ी-- ये भी पढ़ें - ज्योतिष शास्त्र ने बताया, क्यों होती है विवाह में देरी
पारंपरिक
तौर पर लोहड़ी फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुडा एक विशेष त्यौहार है। इस
दिन अलाव जलाकर उसके इर्दगिर्द डांस किया जाता है। लउके भांगडा करते है और
लडकियां और महिलाएं गिद्धा करती है। इस दिन विवाहिता पुत्रियों को मां के
घर से त्योहार (वस्त्र, मिठाई, रेवड़ी, फलादि) भेजा जाता है। वहीं, जिन
परिवारों में लडक़े का विवाह होता है या जिन्हें पुत्र प्राप्ति होती है,
उनसे पैसे लेकर मुहल्ले या गांव भर में बच्चे ही रेवड़ी बांटते हैं।
क्यों मनाया जाता लोहडी है-
यह
त्योहार सर्दियों के जाने और बंसत के आने का संकेत है। इसलिए लोहड़ी की
रात सबसे ठंडी मानी जाती है। इस दिन पंजाब में अलग ही रौनक देखने को मिलती
है। लोहड़ी को फसलों का त्योहार भी कहते हैं क्योंकि इस दिन पहली फसल कटकर
तैयार होती है। पवित्र अग्नि में कुछ लोग अपनी रवि फसलों को अर्पित करते
हैं। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से फसल देवताओं तक पहुंचती है।
Vastu Tips: बुरी शक्तियों से मिलेगी मुक्ति, रसोई घर में जाकर करें ये काम
आज का राशिफल : ऐसे बीतेगा 12 राशि के जातकों का शुक्रवार का दिन
आज का राशिफल: ऐसे बीतेगा 12 राशि के जातकों का चैत्र शुक्ल् नवमीं का दिन
Daily Horoscope