सावन के महीने की शुरुआत हो चुकी है। और इसलिए भक्तगण अलग-अलग तरीकों से
भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। हर कोई यह सोचता है कि किस
तरह पूजा-पाठ करेंगे कि शिव की कृपा बनी रहे। वैसे तो शिव भगवान को भोले
भंडारी कहते है जो सिर्फ भाव के भूखे है। वे श्रद्धा भाव से साधारण तरीके
से की गई पूजा से भी खुश हो जाते है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ऐसे करें शिवजी का अभिषेक:-
सावन
में महादेव की पूजा अभिषेक से की जाती है। शिवजी को जल, दूध दही, घी,
शक्कर, गंगाजल, गन्ना रस से अभिषेक किया जाता है। अभिषेक के बाद बेलपत्र,
समीपत्र, दूब, कुशा, कमल, नीलकमल, ऑक मदार, जंवाफूल कनेर, राई फूल आदि चढ़ा
कर प्रसन्न किया जाता है। इसके साथ ही भोग में धतूरा, भांग और श्रीफल
महादेव को चढ़ाया जाता है।
शिव की इस दशा देख सभी देवता भयभीत:-
महादेव
का अभिषेक करने के पीछे एक पौराणिक कथा का उल्लेख है कि समुद्र मंथन के
समय हलाहल विष निकलने के बाद जब महादेव इस विष का पान करते हैं तो वह
मूर्चि्छत हो जाते हैं। उनकी दशा देखकर सभी देवी देवता भयभीत हो जाते हैं
और उन्हें होश में लाने के लिए निकट में जो चीजें उपलब्ध होती हैं, उनसे
महादेव को स्नान कराने लगते हैं। इसके बाद से ही जल से लेकर तमाम उन चीजों
से महादेव का अभिषेक किया जाता है।
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