भविष्य में किस कार्य में सफल होगा और किस व्यवसाय या
नौकरी में आप कामयाब होंगे।
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प्रथम भाव से हमें शारीरिक आकृति, स्वभाव, वर्ण चिन्ह,
व्यक्तित्व, चरित्र, मुख, गुण व अवगुण, प्रारंभिक जीवन विचार, यश, सुख-दुख,
नेतृत्व शक्ति, व्यक्तित्व, मुख का ऊपरी भाग, जीवन के संबंध में जानकारी
मिलती है। विस्तृत रूप में इस भाव से जनस्वास्थ्य, मंत्रिमंडल की
परिस्थितियों पर भी विचार जाना जा सकता है।
द्वितीय भाव से हमें कुटुंब के लोगों के बारे में, वाणी, विचार, धन की
बचत, सौभाग्य, लाभ-हानि, आभूषण, दृष्टि, दाहिनी आँख, स्मरण शक्ति, नाक,
ठुड्डी, दांत, स्त्री की मृत्यु, कला, सुख, गला, कान, मृत्यु का कारण जाना
जाता है। इस भाव से विस्तृत रूप में कैद यानी राजदंड भी देखा जाता है।
राष्ट्रीय विचार से राजस्व, जनसाधारण की आर्थिक दशा, आयात एवं
वाणिज्य-व्यवसाय आदि के बारे में भी इसी भाव से जाना जा सकता है।
तृतीय भाव से भाई, पराक्रम, साहस, मित्रों से संबंध, साझेदारी,
संचार-माध्यम, स्वर, संगीत, लेखन कार्य, वक्षस्थल, फेफड़े, भुजाएँ,
बंधु-बांधव। राष्ट्रीय ज्योतिष के लिए इस भाव से रेल, वायुयान,
पत्र-पत्रिकाएँ, पत्र व्यवहार, निकटतम देशों की हलचल आदि के बारे में जाना
जाता है।
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