• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 5

विधि-विधान से धारण करें रत्न, हो जाएंगे वारे-न्यारे

रत्न शब्द श्रेष्टता का द्योतक है जो विधिवत प्राण-प्रतिष्टित करके शुभ नक्षत्र और शुभ वार को धारण करने से निर्बल ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करके जीवन में सुख, शांति, धन, मान-सम्मान, आरोग्य, संतान, विवाह सुख, राज्य लाभ, भूत-प्रेत बाधा मुक्ति आदि लाने में सहायक होते हैं। रत्नों के शुभ प्रभाव की प्राप्ति के लिए रत्न धारण करते समय मन में अश्रद्धा, अपवित्र और दूषित भावना नहीं होनी चाहिए। रत्न धारण करते समय यह सुनिश्चित कर चाहिए कि धारण किये जाने वाला रत्न दोषरहित हो अर्थात उसमें किसी तरह का कोई धब्बा, गड्ढा, छिद्र आदि न हो तथा वह टूटा या चटका हुआ न हो। अगर रत्न धारण करने के बाद जातक को किसी भी तरह की परेशानी, घबराहट, बेचैनी, दुर्घटना, चोरी, पारिवारिक कलह, व्यापार में घाटा, क्रोध अथवा मानसिक तनाव जैसे प्रतिकूल प्रभाव नजर आने लगें तो तत्काल धारण किये गए रत्न को उतार देना चाहिए। चूंकि रत्न अधिक कीमती होते हैं इसलिए उनकी जगह उप-रत्न भी धारण किये जा सकते हैं। यहाँ हम रत्न धारण करने के सामान्य नियमों की जानकारी सुधी पाठकों को दे रहे हैं।

मेष और वृश्चिक राशि से सम्बंधित स्वामी ग्रह मंगल का रत्न मूंगा है। कम से कम सवा तीन रत्ती का मूंगा सोने, चांदी या तांबे की अंगूठी में जड़वाकर मंगलवार के दिन मृगशिरा, चित्रा, अनुराधा या धनिष्ठा नक्षत्र होने पर धारण किया जा सकता है। मूंगा धारण करते समय ॐ क्रां क्रीं सः भौमाय नमः मंत्र का जप अवश्य करें। एक बार धारण करने के बाद मूंगा तीन वर्ष तक अपना प्रभाव देता है।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-Have you been holding a gem with all rituals
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: astrology tips, astrology, gem, gem with all rituals, horoscope, astrology in hindi
Khaskhabar.com Facebook Page:

जीवन मंत्र

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2024 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved