शारदीय नवरात्र दिन ब दिन गुलजार होने लगते हैं।
ज्योतिषाचार्य एवं के अनुसार दुर्गा अष्टमी तथा नवमी के दिन मां दुर्गा
देवी की पूर्ण आहुति दी जाती है नैवेद्य, चना, हलवा, खीर आदि से भोग लगाकर
कन्यों को भोजन कराया जाता है. शक्ति पूजा का यह समय, कन्याओं के रुप में
शक्ति की पूजा को अभिव्यक्त करता है.आदिशक्ति की इस पूजा का उल्लेख पुराणों
में प्राप्त होता है। श्री राम द्वारा किया गया शक्ति पूजन तथा मार्कण्डेय
पुराण अनुसार स्वयं मां ने इस समय शक्ति पूजा के महत्व को प्रदर्शित किया
है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आश्विन माह की नवरात्र में रामलीला, रामायण, भागवत पाठ,
अखंड कीर्तन जैसे सामूहिक धार्मिक अनुष्ठान देखे जा सकते हैं नवरात्र में
देवी दुर्गा की कृपा, जीव को सदगति प्रदान करने वाली होती है तथा जीव समस्त
बंधनों एवं कठिनाइयों से पार पाने कि शक्ति प्राप्त करने में सफल होता है।
कहते हैं कि नवरात्र में अपनी राशि के अनुसार पूजन किया जाए तो धन के
मालिक कुबेर प्रसन्न हो जाते हैं और आशीर्वाद बरसाने लगते हैं।
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