कल यानी 21 अगस्त को साल का दूसरा सूर्यग्रहण पडेगा। इससे
पहले 26 फरवरी को पहला सूर्य ग्रहण दिखाई दिया था। भारतीय समय के मुताबिक
यह ग्रहण रात में 9.15 मिनट से शुरु होगा और रात में 2.34 मिनट पर खत्म
होगा। भारत में इस दौरान रात रहेगी तो यहां पर कहीं भी सूर्य ग्रहण दिखाई
नहीं देगा। ऐसे में कुछ खास उपायों को आजमाने से ग्रहण का सूतक कम लगता है
और अनिष्ट होने की आशंका भी कम हो जाती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
किसी भी
जातक के द्वारा ग्रहणकाल आरम्भ होने से समाप्ति के मध्य की अवधि में मंत्र
ग्रहण, मंत्रदीक्षा, जप, उपासना, पाठ, हवन, मानसिक जाप, चिन्तन करना
कल्याणकारी होता है।
सूर्य ग्रहण अवधि में देव मूर्तियों को स्पर्श नहीं किया जाता है।
सूतक समय
के बाद स्वयं भी स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें तथा देवमूर्तियोम को
स्नान करा कर, गंगाजल छिडक कर, नवीन वस्त्र पहनाकर, देवों का श्रंगार करना
चाहिए।
देव प्रतिमाओं के अलावा तुलसी वृ्क्ष, शमी वृ्क्ष को स्पर्श नहीं करें और
संभव हो तो ग्रहण के बाद इन सभी पर भी गंगाजल छिडक इन्हें शुद्ध करें। इससे
अनिष्ट की आंशका काफी हद तक कम हो जाती है।
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