CP1 जगमोहन की बवंडर करियर की श्रेष्ठ फिल्म थी - www.khaskhabar.com
  • Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia

जगमोहन की बवंडर करियर की श्रेष्ठ फिल्म थी

published: 05-09-2011

मुम्बई। तीन सप्ताह पूर्व हरफन मौला अदाकार शम्मी कपूर के निधन से अभी उभर भी नहीं पाया था बॉलीवुड कि रविवार 4 सितम्बर को उसे एक और शख्सियत से महरूम होना पडा। बॉलीवुड से ज्यादा हॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने वाले फिल्मकार जगमोहन मूंदडा का मुम्बई के अस्पताल में तीन दिन भर्ती रहने के बाद आन्तरिक रक्त स्त्राव के चलते निधन हो गया। कोलकाता में बसे मारवाडी परिवार में जन्म लेने वाले जगमोहन का जन्म 1948 में नागपुर में हुआ। मुम्बई से आईआईटी में इंजीनियरिंग के बाद उनका रूझान फिल्मों की ओर गया। जगमोहन मूंदडा ने मुम्बई फिल्म उद्योग में अपनी सबसे पहली फिल्म 1980 में संजीव कुमार और शबाना आजमी को लेकर सुराग नाम से बनाई थी। यह मर्डर मिस्ट्री थी जिसे दर्शकों ने ज्यादा नहीं सराहा। 1984 में आई फिल्म कमला ने जगमोहन मूंदडा को भारतीय फिल्म उद्योग में पहचान दिलाई। यह एक सत्य घटना पर बनी वास्तविक फिल्म थी। अस्सी के दशक में अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में बतौर रिपोर्टर काम करने वाले अरूण शौरी ने राजस्थान में आदिवासी लडकियों की खरीद-फरोख्त का सनसनीखेज मामला उजागर किया था। पत्रकारिता क्षेत्र में अपना नाम ऊंचा उठाने के लिए वे बाकायदा कमला नामक लडकी को खरीद कर लाये थे। इसी थीम पर जगमोहन ने दीçप्त नवल, मार्क जुबेर और शबाना आजमी के साथ कमला नामक फिल्म बनाई जिसने कई पुरस्कार प्राप्त किए। बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म की सफलता ने एक नया आयाम उस जमाने में स्थापित किया था। इसके बाद जगमोहन मूंदडा ने हॉलीवुड की ओर रूख किया जहां वे बी ग्रेड की फिल्मों का लेखन व निर्देशन किया करते थे। हॉलीवुड की हॉरर और सैक्स प्रधान फिल्में बनाकर उन्होंने खासा दाम कमाया। अस्सी और नब्बे के दशक में उन्होंने हॉलीवुड में जिगसा मर्डर्स (1988), हॉलोवीन नाइट (1988), नाइट आईज (1990), एल.ए. गॉडेज (1993), सैक्सुअल मालिस (1994) और टेल ऑफ द कामसूत्र 2 : मोनसून (1998) नामक; फिल्में बनाकर हॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई। वर्ष 2000 में भारतीय फिल्म उद्योग में जगमोहन मूंदडा ने जगमोहन के नाम से बवंडर नामक फिल्म निर्देशित की, जो 1992 में राजस्थान की नीची जाति की महिला भंवरी देवी पर आधारित थी जिसके साथ गांव के पांच स्वर्ण जाति के युवकों ने बलात्कार किया था। इस फिल्म को जगमोहन मूंदडा ने अंग्रेेजी में सैंडस्ट्रोम के नाम से बनाया था। अपने साथ बलात्कार करने वाले पांच व्यक्तियों के खिलाफ जिस दिलेरी से भंवरी देवी ने कानूनी लडाई लडी यह अपने आप में एक इतिहास है। इस फिल्म के प्रदर्शन के बाद भंवरी देवी की मदद के लिए कई सामाजिक संगठन आगे आए। तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जगमोहन मूंदडा को जयपुर बुलाया और कहा कि आपके बवंडर ने बडा बवंडर मचाया है। अशेक गहलोत ने भंवरी देवी को 50,000 रूपये, जमीन और उसके पुत्र की पढाई लिखाई हेतु नकद राशि प्रदान की थी। बवंडर के बाद जगमोहन मूंदडा ने एक बार फिर से हॉलीवुड की ओर रूख किया और भारतीय अभिनेत्री ऎश्वर्या राय को केन्द्र में रखकर प्रोवोक्ड नामक फिल्म बनाई। महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा पर बनाई गई उनकी यह फिल्म हॉलीवुड और बॉलीवुड दोनों जगहों पर सराही गई। इस फिल्म की व्यापक सफलता ने जगमोहन मूंदडा को ए ग्रेड फिल्म निर्माता की श्रेणी में लाकर खडा कर दिया। बवंडर के लिए अभिनेत्री नंदिता दास ने श्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता और इस फिल्म के बाद उनको बॉलीवुड में समर्थ अदाकारा के रूप में पहचान मिली। जगमोहन मूंदडा के निधन से बॉलीवुड ने एक ऎसी शख्सियत को खो दिया है जो सामाजिक सोद्देश्यता की फिल्मों को बनाने में रूचि रखता था। कमला और बवंडर जैसी उद्देश्यपरक फिल्मों को सिर्फ और सिर्फ जगमोहन मूंदडा ही बना सकते थे।

Khaskhabar.com Facebook Page:

हॉलीवुड

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2024 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved