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भोपाल। केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में की गई बढ़ोतरी के फैसले का चौतरफा विरोध हो रहा है। वहीं आम नागरिक को घरेलू बजट ग़डब़डाने की आशंका सताने लगी है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल के दाम में तीन रूपए, डीजल में दो रूपए, केरोसीन में तीन रूपये और रसोई गैस के दाम में 35 रूपये की बढोतरी की है। सरकार के इस फैसले से हर वर्ग में नाराजगी है। महाराणा प्रताप नगर के रेस्तरां संचालक नंद किशोर जाधव का कहना है कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में इजाफा किए जाने का सीधा असर आम आदमी की जेब पर प़डेगा क्योंकि आने वाले समय में हर चीज के दाम बढ़ जाएंगे। उनका मानना है कि सरकार को महंगाई रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए थे मगर उसने तो महंगाई बढाने का काम किया है। इसी तरह श्रीराम कालोनी में रहने वाली गृहिणी दीप्ति वर्मा का कहना है कि अब उनके लिए सीमित बजट में अपना किचन चलाना पहले से कहीं मुश्किल हो जाएगा। हर माह सिर्फ रसोई गैस पर ही 70 रूपए का अतिरिक्त भार सहना प़डेगा। साथ ही अन्य सामग्री की कीमतों मे होने वाला इजाफा का अलग से असर होगा। व्यावसाई आशीष शर्मा भी केंद्र सरकार के कीमत बढ़ाने के फैसले को उचित नहीं मानते हैं। वह कहते हैं कि आज सारी चीजों के दाम पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों पर निर्भर करते हैं। अब पेट्रोलियम के दाम बढे़ हैं तो महंगाई और बढ़ना तय है। वे पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों के सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के फैसले की जरूर सराहना करते हैं।
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