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लंदन। अब वह दिन दूर नहीं जब हैकर्स आपके दिमाग को भी हैक कर लेंगे। विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि कंम्प्यूटर वायरस का इस्तेमाल इंसानों के दिमागों को प्रभावित करने में किया जाएगा। वैशेषज्ञो का कहना है किक हैकर्स इंसानी दिमागों को काबू में करने वाले बैक्टीरिया और वायरस तैयार कर सकते हैं। विशेषज्ञौं के अनुसार कोशिकाएं जिंदा कम्प्यूटर हैं और डीएनए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज। यह विज्ञान तेजी से विकास कर रहा है और यह कम्प्यूटर प्रोद्यौगिकी से भी तेजी से विकास करेगा। लोग डीएनए को प्रिंट और डिकोड भी कर सकेंगे और वायरस और बैक्टीरिया मानव मस्तिष्क में रसायन भेज सकते है, जिसके चलतेएक दिन इसका इस्तेमाल दूसरों के दिमागों को प्रभावित करने, यहां तक कि नियंत्रित करने में भी किया जा सकता है।
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