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भोपाल| लोकसभा चुनाव के दौरान कई संस्थाओं द्वारा आयोजित किए जा रहे योग शिविर के जरिए राजनीतिक लाभ की कोशिशें की जा रही हैं। चुनाव आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए हैं कि योग शिविर आयोजित करने वाली अराजनीतिक संस्थाओं को शिविर की अनुमति दिए जाने से पहले उनकी छानबीन की जाए। मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि भारत निर्वाचन आयोग के संज्ञान में आया है कि कुछ स्थानों पर अराजनीतिक योग शिविर आयोजित करने की अनुमति लेने के बाद शतोर्ं का उल्लंघन करते हुए आयोजन का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए किया गया है। आयोग ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को समस्त जिला निर्वाचन अधिकारी एवं निर्वाचन अधिकारियों को ऐसे निर्देश देने को कहा है कि शिविर की अनुमति देने से पहले संबंधित संस्थाओं की छानबीन कर लें, ताकि इन शिविरों का राजनीतिक इस्तेमाल न हो सके। यदि कोई संस्था, आयोजक या भागीदार पहले आयोजन की शतोर्ं का उल्लंघन कर चुके हैं, तो उन्हें शिविर आयोजित करने की अनुमति न दी जाए। पूर्व में भी यदि इस प्रकार का उल्लंघन हुआ है तो संस्था तथा मंच पर आसीन व्यक्ति के नाम सहित उसका ब्यौरा तत्काल आयोग को भेजा जाए।
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