CP1
कोलकाता। इंसानियत का पतन किस कदर होता रहा है, इसका उदाहरण शुक्रवार को कोलकाता में देखने को मिला। एक महिला ने दिन-दहाडे भरे बाजार में लैंप पोस्ट पर फांसी का फंदा लगाकर झूल गई और लोग उसे बेफिक्र देखते रहे। बात यही खत्म नहीं होती, उसकी लाश कई देर तक लैंप पोस्ट पर झूलती रही, लेकिन लोग एक निगाह डालकर आगे बढते रहे, मानो यह सब कुछ तो उसकी नियति थी। इस दर्दनाक और शर्मनाक घटना ने कोलकाता शहर के स्याह चेहरे को उजागर कर दिया है। कलयुगी गुरू की करतूत : बंदूक की नोक पर करता था छात्रा से दुष्कर्म शर्मसार इंसानियत! 80 साल की महिला से दुष्कर्म घटना शुRवार शाम 4 बजे की है। कोलकाता शहर के चहल-पहल भरे इलाके सेंट्रल ऎवन्यू में एक महिला लैंप पोस्ट पर चढी, अपने दुपट्टे का फंदा बनाया और गले में डालकर कूद गई। इस भीडभरे बाजार में यह सब लोग देखते रहे, मगर किसी ने भी उसे न तो रोकने की कोशिश की और ना ही प्रशासन या पुलिस को सूचना दी। यहां तक कि जब वह लैंप पोस्ट से लटकी हुई थी, तब भी कोई भी यह देखने के लिए आगे नहीं बढा कि इसकी धडकनें चल रही हैं या नहीं। एमजी रोड मेट्रो स्टेशन के पास ही शहर का कल्चरल हब महाजाति सदन है। लोग लैंप पोस्ट से लटकी डेड बॉडी की तरफ देखते और आगे बढ जाते। 15 मिनट बाद किसी ने पुलिस को बुलाया, मगर पुलिस के पहुंचने के बाद भी 10 मिनट तक लाश लटकी रही, क्योंकि कोई भी उस डेडबॉडी को उतारने में पुलिस की मदद करने के लिए तैयार नहीं हुआ। महिला की पहचान 50 साल की सोमा के रूप में हुई है, जिसने अपने नशेडी पति से लडाई के बाद खुदकुशी कर ली। भाभी कहकर बढाई नजदीकी, और फिर ... आए दुल्हन को लेने, लूटी छोटी बहन की आबरू पुलिस ने इस मामले में किसी तरह की साजिश होने से इनकार किया है, लेकिन पूछताछ के लिए महिला के पति को हिरासत में लिया है। जिस शहर के लोगों की जिंदादिली और संजीगदी की मिसालें दी जाती थीं, इस घटना ने उस शहर के बेपरवाह चेहरे को सामने ला दिया है। यह इस तरह का पहला मामला नहीं है। अक्टूबर 2008 में 37 साल का एक शख्स हावडा पर आखिरी सांसें गिनता रहा और दो पुलिस स्टेशन अपने एरिया को लेकर उलझे रहे। उसी साल नवंबर में एक बुजुर्ग को रफी अहमद किदवई रोड पर ठंड से मरते हुए देखते रहे। अगस्त 2011 में एक एजेसी रोड पर दुर्घटना का शिकार हुए एक किशोर का खून बहता रहा, लेकिन उसे बचाने कोई आगे नहीं आया। यहां शादी से पहले लडकियों को देनी होगी अग्निपरीक्षा फेसबुक पर प्यार, प्रेमिका पहुंची प्रेमी के द्वार प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, शुRवार को महाजाति सदन में एक म्यूजिकल इवनिंग के लिए बहुत से लोग वहां आए हुए थे। वे उस महिला को पेड पर चढकर लैंप पोस्ट से लटकते हुए देखते रहे, लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया। प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले बीएस चौहान पहले शख्स थे, जिन्होंने डेडबॉडी को देखकर कोई कदम उठाया। उन्होंने कहा, जब मैं मेट्रो स्टेशन से बाहर निकला तो सामने एक महिला को लटके हुए देखकर हैरान रह गया। लोग ऎसे आ-जा रहे थे मानो कुछ हुआ ही न हो। मैंने एक ट्रैफिक कॉन्स्टेबल को बताया, लेकिन जब उसने लोगों से बॉडी को नीचे उतारने में मदद की अपील की तो कोई आगे नहीं आया। जब दो और कॉन्स्टेबल आए, तभी उसे उतारकर हॉस्पिटल ले जाया गया। एक टी स्टॉल चलाने वाले पवन जाधव ने बताया, सोमा नाम की यह महिला महाजाति सदन के सामने की पटरी पर अपने पति दीपांकर और अपनी बेटी के साथ रहती थी। वे खुले आसमान के नीचे सोते थे और जब-जब बारिश होती, वे मेट्रो स्टेशन जाकर शरण ले लेते। सोमा ही थी, जो घर के लिए कुछ कमाकर लाती थी। उसका पति कुछ नहीं करता था और उसके पैसे छीनकर ड्रग्स लिया करता था। शुRवार शाम को दोनों के बीच झगडा हुआ, लेकिन हममें से किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया।
मुख्तार अंसारी की मौत : पूर्वांचल के चार जिलों में अलर्ट, बांदा में भी बढ़ी सुरक्षा, जेल में अचानक बिगड़ी थी तबीयत
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope