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वाराणसी। देश की राजधानी दिल्ली में केजरीवाल के आने से झ़ाडू की मांग अचानक ही बढ़ गई थी। कुछ वैसी ही स्थिति अब भोले बाबा की नगरी में दिखने वाली है। केजरीवाल के आने की आहट मात्र से शहर में कई वर्षो से मंद प़डे झ़ाडू कारोबोरियों की सक्रियता अचानक ही बढ़ गई है। कारोबोरियों को झ़ाडू तैयार करने के लिए लगातार आर्डर मिल रहे हैं। काशी में केजरीवाल की रैली से पहले ही यहां झ़ाडू की मांग अचानक बढ़ गई है। कारोबारियों को हजारों रूपये के ऑर्डर मिले हैं और इसके बाद ही व्यापारियों ने ब़डे पैमाने पर झ़ाडू तैयार करने का काम भी शुरू कर दिया है। कारोबारियों का साफ तौर पर कहना है कि उन्हें किसी भी राजनीतिक दल से कोई मतलब नहीं है। हां, इतना जरूर है कि झ़ाडू का आर्डर मिलने से लोगों को बैठे बिठाये एक काम मिल गया है, वरना झ़ाडू की ऎसी मांग तो दीपावली में ही होती है। कारोबारियों की मानें तो केजरीवाल की रैली से पहले 60 हजार रूपये के झ़ाडू तैयार करने के आर्डर मिले हैं, जिसके बाद झ़ाडू कारीगर अपने काम में जुट गए हैं। झ़ाडू उद्योग से जु़डे कारीगर भी यह स्वीकार कर रहे हैं कि आम आदमी पार्टी (आप) के चुनाव चिन्ह झ़ाडू की वजह से ही झ़ाडू उद्योग को फिर से बल मिला है। झ़ाडू के कारोबार में शहर में करीब एक दर्जन से ज्यादा व्यापारी जु़डे हैं। इनमें छोटे से लेकर ब़डे कारोबारी तक शामिल हैं। बेनियाबाग में इस उद्योग से जु़डे असलम खान कहते हैं, ""झ़ाडू की मांग दीपावली के दिन ज्यादा होती है, लेकिन केजरीवाल की रैली की वजह से पिछले दिनों इसके कारोबार में तेजी आई है और हजारों रूपये के आर्डर मिले हैं।"" कारोबारियों ने बताया कि बेनियाबाग, लहरतारा, मडुवाडीह और प़डाव के आसपास काम करने वाले कारीगर ज्यादातर इसी झ़ाडू उद्योग से जु़डे हैं। बडे पैमाने पर मांग बढ़ने की वजह से असम और बंगाल से सींक मंगाए जा रहे हैं, ताकि समय पर झ़ाडू तैयार किया जा सके। झ़ाडू कारीगर रामलाल ने बताया कि डलिया और दौरी तैयार करने में ज्यादा समय लगता है, लेकिन झ़ाडू तैयार करने में ज्यादा समय नहीं लगता। सींक को हल्का सा छीलकर उसे बांध दिया जाता है। हां, छीलने में समय लगता है। उसे झ़ाडू तैयार करने का काम मिला है, जिसे 24 मार्च तक देना है। उल्लेखनीय है कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के बनारस से ल़डने के बाद से ही चुनावी फिजा बदल गई है। केजरीवाल ने भी घोषणा की है कि वह बनारस में रैली के दौरान जनता से रायशुमारी कर यहां से लोकसभा चुनाव ल़डने का फैसला करेंगे। केजरीवाल की रैली पहले 23 मार्च को होने वाली थी, लेकिन अब 25 मार्च को वह वाराणसी में अपनी रैली करेंगे।
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