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नई दिल्ली। ये कहानी सचमुच दिल दहलाने वाली है जिसमें एक अभागी बेटी को अपने ही जनक का खून करना पडा। सत्यकथा है कि चार जुलाई 1990 को अमेरिका के जॉन मिजौरी कस्बे में 18 साल की स्टेसी लैनर्ट ने अपने पिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी क्योंकि उनके पिता दस साल से उनका यौन शोषण कर रहे थे। इस पर स्टेसी को हत्या का दोषी पाया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। लेकिन जेल में 18 साल बिताने के बाद राज्य के गवर्नर ने स्टेसी की सजा घटाकर 18 साल कर दी और उन्हें तत्काल रिहा कर दिया गया। छोटा जननांग देख मां ने मार डाला बेटे को ...और यहां स्टूडेंट ने किया टीचर से दुष्कर्म स्टेसी ने बीबीसी को अपने यौन शोषण, सजा और उसके बाद की जिंदगी के बारे में बताया कि "जब मैं नौ साल की थी तब पहली बार मेरे पिता ने मेरे साथ बलात्कार किया। मुझे लगा कि यह बहुत गलत है, लेकिन अगले तीन साल तक मैं यह किसी से नहीं कह पाई और जब मैं 12 साल की हुई तो मेरी मां को इस बारे में पता चला लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। मेरे पिता शराबी थे। जब वे नशे में नहीं होते थे तो बहुत भले और प्यारे आदमी होते थे लेकिन शराब पीने के बाद वो ऎसे इंसान बन जाते थे।" हैवानियत की हद...,नब्बे साल की वृद्धा से रेप प्रेमिका के कारण कर बैठा कुछ ऎसा काम कि स्टेसी ने कहा,"जब मैं 12 साल की थी, तब मेरे माता-पिता का तलाक हो गया था। मेरी मां ने दूसरी शादी कर ली और बहुत दूर चली गई थीं। मेरी एक छोटी बहन भी थी, मुझसे दो साल छोटी। उसकी देखरेख, उसकी सुरक्षा मेरी प्राथमिकता थी। जब मैं 17 साल की थी तब मैं अपनी बहन को लेकर अपनी मां के साथ रहने चली गई लेकिन मेरी बहन लौट आई और पिता के साथ रहने लगी। वहां बहुत गडबड होने लगी और मेरे पिता ने कहा कि मुझे आकर उसकी देखरेख करनी होगी। मैं पिता के घर वापस लौट गई और दो महीने तक मैं यह मानकर सब सहती रही कि जैसे ही मैं 18 की हो जाऊंगी सब सही हो जाएगा। तब तक मेरी बहन का यौन शोषण नहीं होता था और मैं सोचती थी कि मैं उसकी रक्षा कर रही हूं। अपने 18वें जन्मदिन पर मैं पिता के दरवाज़े पर गई और कहा कि अब मैं 18 साल की हो गई हूं और अब यह सब बंद हो जाना चाहिए। लेकिन मेरे पिता ने वहीं दरवाजे पर मेरा बलात्कार किया और मुझे जानवरों की तरह पीटा। इससे पहले उन्होंने ऎसा कभी नहीं किया था। इसके बाद उन्होंने मेरे ऊपर 40 डॉलर फेंके और कहा, हैप्पी बर्थडे। जानिए, कौन सा देश है सेक्स सुख में अव्वल अरे ये क्या! देखना था भूत, दिखा गर्लफ्रेंड का सेक्स मुझे ऎसा लगा कि मेरी सारी दुनिया बर्बाद हो गई है। अपने जन्मदिन पर मैं एक कुत्ते का बच्चा ले आई थी, यह मानकर कि अब मैं 18 साल की हूं तो मैं इसे पाल सकती हूं। लेकिन चार जुलाई की सुबह मेरे पिता ने मुझे कहा कि कुत्ते को बाहर निकालो। मैंने कहा कि कुत्ते के साथ मैं भी जा रही हूं और मेरी बहन भी। लेकिन उन्होंने बहन को नहीं ले जाने दिया। वह उसे घसीटकर अपने कमरे में ले गए और पहली बार उसके साथ बलात्कार किया। मैंने सोचा कि अब हम और यह सब नहीं झेल सकते। हम भाग जाने की तैयारी कर रहे थे कि मुझे ख़्याल आया कि मैं अपने छोटे से कुत्ते को तो घर पर ही छोड आई हूं। मैं घर लौटी तो मुझे वहां राइफल दिखी। मैं उन्हें मारना नहीं चाहती थी लेकिन मैं चाहती थी कि वह हमें जाने दें। वह सोफे पर लेटे हुए थे, नशे में धुत्त। गुस्से की एक और लहर आई और मैंने आंख बंद करके गोली चला दी। अदालत ने मुझे आजीवन कारावास की सजा दी, बिना किसी पेरोल के। जेल में मेरे घाव भरने की शुरूआत हुई। इस दौरान मैं अपने मामले को फिर से उठाने की कोशिश भी करती रही। मैंने उम्मीद को कभी मरने नहीं दिया। पिछले गवर्नर ने अपने कार्यकाल के आखिरी महीने में जिन सात लोगों की सजा माफ की उनमें से एक मैं भी थी। 18 साल जेल में बिताने के बाद बाहर की दुनिया से तारतम्य बिठाना आसान तो नहीं था क्योंकि जब मैं जेल गई थी तब सेल फोन नहीं थे, इंटरनेट नहीं था। मैंने अपने अनुभवों पर एक किताब द रिडेंपशन भी लिखी है।"
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