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नई दिल्&प्त8205;ली। लोकसभा चुनाव के छह दौर खत्म हो चुके हैं मगर नरेंद्र मोदी बनाम सोनिया गांधी के बीच जुबानी जंग और रफ्तार पकडती जा रही है। ताजा मामला है गुजरात का जहां एक ही दिन में पहले सोनिया ने मोदी के विकास मॉडल की खिल्ली उडाई और उसके ठीक बाद मोदी ने पलटवार करते हुए सोनिया पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए उन्हें इस पर सार्वजनिक बहस करने की चुनौती दे डाली। लोकसभा चुनाव 2014 में 349 सीटों पर लोगों ने अपना फैसला इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में सीलबंद कर दिया है, अब महज 3 दौर का चुनाव बाकी है और इन दौर में 194 सीटों पर मतदान होना है। अर्थात देश की दो सबसे बडी पार्टी कांग्रेस और भाजपा के लिए हासिल करने के लिए अभी भी बहुत कुछ बचा है और तब तक इसके लिए राजनीतिक दायरे में रहकर पार्टियां हर हथकंडे अपना रही है. चाहे वो जुबानी जंग के जरिए एक दूसरे पर वार पलटवार का ही तरीका क्यों न हो। मोदी 2001 से गुजरात के मुख्यमंत्री हैं और गुजरात के विकास मॉडल की कामयाबी को हथियार बनाकर कांग्रेस को लगातार लहूलुहान करने की कोशिश करते हैं, लेकिन मोदी के इस हथियार की धार को कुंद करने का जिम्मा खुद कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांधी ने उठाया है और वह भी गुजरात की धरती से। वलसाड में सोनिया रैली करने पहुंचीं और सीधे-सीधे मोदी के विकास के दावे पर ही प्रहार शुरू कर दिया। उसके तुरंत बाद मोदी की ओर से भी पलटवार हुआ। भाजपा दावा करती है कि मोदी के नेतृत्व में गुजरात ने दिन-रात तरक्की की है। चाहे वह आर्थिक क्षेत्र हो या सामाजिक, मोदी ने गुजरात की काया पलट दी है। लेकिन वलसाड में सोनिया ने फिर से चेताया कि आंकडों की कलाकारी से भ्रम का जाल फैलाया गया है। वास्तविकता कुछ और है। इसका जवाब देते हुए वडोदरा में नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस भयभीत है। मैदान में मैडम आ जाए तब सब दिख जाएगा। मोदी ने वडोदरा में एक चुनावी सभा में कहा कि यदि झूठ बोलना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है, तो चुनाव आयोग को कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैडम सोनिया ने गुजरात और देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया है, मैं उन्हें खुली बहस की चुनौती देता हूं। मोदी ने कहा कि मैडम सोनिया ने कहा है कि गुजरात में बीच में पढाई छोड देने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत देश में सबसे ज्यादा है, जो सत्य नहीं है। उन्होंने कहा कि जब वह सत्ता में आए थे तब कक्षा पहली से पांचवीं के बीच यह प्रतिशत 21 था जो घटकर अब दो प्रतिशत रह गया है। भाजपा के पीएम प्रत्याशी ने कहा कि कुपोषण का मामले पर सोनिया लोगों को गुमराह कर रही हैं। कुपोषण देश के अन्य हिस्सों में भी है। गुजरात ने इस समस्या से निजात के लिए महती काम किया है और कैग ने भी हमारे काम की सराहना की है। सोनिया का मोदी पर हमला करना कई मायनों में अहम है। गुजरात में 30 अप्रैल को मतदान है और सोनिया की यही कोशिश रहेगी कि आखिरी वक्त में राज्य के लोगों का मूड कांग्रेस की ओर मोडा जाए। दूसरी वजह यह भी हो सकती है कि मोदी की काट के लिए उन्हीं के तीर का सोनिया इस्तेमाल कर रही हैं। गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर 30 अप्रैल को मतदान होना है। मोदी के लिए साख बचाने की लडाई है तो कांग्रेस के लिए मोदी की साख में सेंधमारी का मौका। चुनाव प्रचार के लिए सिर्फ 4 दिन का समय है। इस कम वक्त को सोनिया हाथ से गंवाना नहीं चाहती हैं और शायद कोशिश यही है कि मोदी पर ज्यादा से ज्यादा हमला बोलकर मतदाताओं के मूड को कांग्रेस के पक्ष में बदला जाए।
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