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सिमी ने रची थी मोदी की हत्या की साजिश

published: 21-11-2013

रायपुर। छत्तीसगढ पुलिस ने बडा खुलासा करते हुए कहा है कि देश के प्रतिबंधित संगठन सिमी (स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया) और आईएम (इंडियन मुजाहिदीन) के पकडे गए संदिग्ध सदस्यों उमेर सिद्दीकी, अब्दुल वाहिद ने कडी पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया है। इसी के साथ उन्होंने बोधगया विस्फोट की साजिश, हैदराबाद विस्फोट में शामिल आरोपियों को पनाह देने, नरेंद्र मोदी पर हमले की साजिश रचने की बात स्वीकार की है। राजधानी पुलिस ने अब तक सिमी से जुडे 8 कथित आतंकियों को गिरफ्तार किया है और अन्य की सरगर्मी से तलाश की जा रही है। छत्तीसगढ के पुलिस महानिदेशक रामनिवास ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि आरोपियों ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले की पूरी तैयारी कर रखी थी। मोदी की सभा के पूर्व आतंकियों ने कानपुर, दिल्ली और प्रदेश के अंबिकापुर जाकर रेकी की थी, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था सख्त होने के कारण वे कामयाब नहीं हो पाए। डीजीपी ने बताया कि पकडे गए आरोपी उमेर सिद्दीकी और अब्दुल वाहिद ने पूछताछ में अपने बाकी साथियों का नाम-पता बताया। राजधानी पुलिस, खुफिया विभाग की टीम ने एक-एक कर रोशन उर्फ जावेद, अब्दुल अजीज, अजीजुल्लाह, हैयात खान, मोईनुद्दीन, हबीबउल्ला को गिरफ्तार किया है। पकडे गए आतंकियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। अब तक आरोपियों से हुई पूछताछ में यह साफ हो गया है कि उमेर सिद्दीकी और इससे जुडे सिमी संगठन के कई लोगों ने यहां एक बडी वारदात को अंजाम देने की पूरी तैयारी की थी, मगर पुलिस की पकड में आने के बाद उनकी साजिश नाकामयाब हो गई। छत्तीसगढ की राजधानी में पकडे गए आंतकी उमेर सिद्दीकी ही बोधगया में हुए बम विस्फोट का मास्टर माइंड था। उसने इस विस्फोट की साजिश रची थी और हमलावरों को छुपाने की योजना बनाई थी। उमेर सिद्दीकी ने पूछताछ में यह कबूला है कि बोधगया विस्फोट की साजिश उसी ने रची थी और उसने इस संबंध में पुलिस को हर बात बताई। पटना विस्फोट की भी जानकारी इसने कबूली है। उमेर ने फरार आतंकियों का हैदराबाद विस्फोट में शामिल होना कबूला है जिसकी पुष्टि एनआईए के रिकार्ड से भी होती है। उमेर का संपर्क सिमी के बडे पदाधिकारियों और इंडियन मुजाहिदीन से था और उनका अगला निशाना नरेंद्र मोदी थे। वह छत्तीसगढ माड्यूल के रूप में अपना अलग संगठन चला रहा था और सिमी के कार्यकर्ता उसे आमीर यानी चीफ के रूप में जानते थे। छत्तीसगढ पुलिस की खुफिया शाखा तीन साल से इस संगठन से जुडे उमेर सिद्दीकी और उसके साथियों की निगरानी कर रही थी। कुछ दिनों पूर्व निगरानी के दौरान विदेशी भाषा में भेजे गए संदेश के बारे में पुलिस को जानकारी हुई जिसमें नरेंद्र मोदी का जिR था। यह संदेश सामान्य नहीं था इसलिए छत्तीसगढ की खुफिया एजेंसी ने 17 अगस्त को आईबी को इस बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद 11 और 12 नवंबर को पुन: कुछ जानकारी मिली जो काफी महत्वपूर्ण थी। यह जानकारी नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के संबंध में थी। उन्होंने बताया कि 14 नवंबर की शाम तक छत्तीसगढ के इंटेलीजेंस विभाग के एटीएस द्वारा जानकारियों को फॉलो करते समय कुछ संदिग्ध गतिविधियों और बाहरी व्यक्तियों के क्षेत्र में आने की भनक लगी और उमेर सिद्दीकी और उसके सात साथियों की गिरफ्तारी की गई। एडीजी मुकेश गुप्ता ने बताया कि उमेर ने बताया कि पटना ब्लास्ट के 4 आरोपी हैदर अली उर्फ अब्दुला पिता मोह अलाम अंसारी, नूमान आलम उर्फ फिरोज पिता सुल्तान, तौफीक उर्फ आसिफ पिता तजमुल अंसारी और मुजीबुल्ला घटना के बाद राउरकेला से भागकर इसके पास आए थे। उन्होंने यहां लंबे समय तक रूकने के उद्देश्य से किराये का घर लिया था। उसमें रूकने की सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई थीं। रेड करने पर वे चारों व्यक्ति सामान छोडकर फरार हो गए। उमेर सिद्दीकी ने पूछताछ में बताया कि वह सिमी के सभी बडे नेताओं जैसे सफदर नागोरी, कमरूद्दीन नागोरी, आमीर परवेश (सभी मध्य प्रदेश जेल में बंद) और मोहम्मद अली, इरफान मसूरी (पश्चिम बंगाल) और इनामुर रहमान (जबलपुर के पास) और खंडवा जेल से फरार अबू फैजल से 2002 से संपर्क में रहा है।

English Summary: SIMI terrorists made conspiracy to kill Modi, claims Chhattisgarh police
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