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न्यूयॉर्क। अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ बफेलो में शोध टीम के अगुवा डॉ. परेश दानदोना के अनुसार मोटापे के शिकार किशोरों में छरहरे लडकों के मुकाबले 50 फीसदी कम टेस्टोस्टेरोन होता है जिससे बाद में जिंदगी में जाकर उन्हें नपुंसकता का सामना करना पड सकता है। भारतीय मूल के डॉ. परेश की अगुवाई में हुए शोध में कहा गया है कि ये शोध परिणाम मोटे किशारों के लिए "गंभीर संदेश" हैं। डॉ. परेश ने बताया कि हम मोटे किशोरों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की 50 फीसदी की कमी देखकर हैरान हैं क्योंकि ये लोग युवा हैं और साथ ही इन्हें मधुमेह जैसी कोई समस्या भी नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे शोध के परिणाम भयंकर हो सकते हैं क्योंकि इन मोटे किशारों को बाद में जाकर नपुंसकता के खतरे का सामना करना पड सकता है। यह शोध रिपोर्ट क्लिनिकल एंडोक्रायोनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुई है। ट्यूमर...! वो भी नाखून के नीचे! जूता जोडी के लिए भिडे 500 लोग, 3 की गई जान कर्ज में दबी तो मोहतरमा ने किया लिंग चेंज सांसों की बदबू दूर करने में मददगार चाय पति निकला बेवफा तो पत्नी ने मांगी किडनी सच्चा प्यार तो ही अंतरंग होगा प्रेमी स्वयं को मुर्दा साबित करने के लिए किए दो कत्ल बाप ही बन गया बेटी का सेक्स गुरू तार-तार हुआ मां-बेटे का रिश्ता, शर्मसार हुई मानवता
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