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नई दिल्ली। सूरत दुष्कर्म केस में करीब दो महीने से फरार आसाराम का बेटा नारायण साईं आखिरकार मंगलवार देर रात पुलिस की गिरफ्त में आ गया। पुलिस ने नारायण को हरियाणा के कुरूक्षेत्र से गिरफ्तार किया। नारायण के साथ हनुमान समेत उसके चार सहयोगी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिए। नारायण को दिल्ली पुलिस की Rाइम ब्रांच और सूरत पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया। नारायण पुलिस को लगातार दो महीने से गच्चा दे रहा था। पुलिस को नारायण के पास से 2.61 लाख रूपये और 6 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। नारायण का दिल्&प्त8205;ली पुलिस ने मेडिकल जांच कराया है और उसे रोहिणी कोर्ट में पेश किया। रोहिणी कोर्ट के बाहर बडी तादाद में नारायण साईं के समर्थक जुट गए। नारायण के स्वागत के लिए ये लोग फूल-मालाओं के साथ कोर्ट के बाहर पहुंचे और कोर्ट के बाहर उन्होंने रास्&प्त8205;ते पर साईं के स्वागत में फूल बिखेर दिए। समर्थकों का कहना है कि नारायण साईं के खिलाफ सभी आरोप निराधार हैं और उनके खिलाफ बडी साजिश की जा रही है। सूरत की एक महिला से दुष्कर्म के आरोप में फरार चल रहे नारायण साईं को हरियाणा के कुरूक्षेत्र से 3 दिसंबर की रात करीब 10 बजे एक पेट्रोल पंप पर पेट्रोल डलवाते वक्त गिरफ्तार किया। बलात्कार का केस दर्ज होने के बाद से नारायण साईं भेष बदल कर रह रहा था। गिरफ्तारी के बाद नारायण साईं को दिल्ली लाया गया है और दिल्ली पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। बता दें कि नारायण साईं के खिलाफ 6 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की गई थी। पीपली गांव से गिरफ्तार सूरत पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने कहा कि नारायण साईं 58 दिन से फरार था और उसे पीपली से गिरफ्तार किया गया है। दोपहर दो बजे के आसपास रोहिणी कोर्ट में पेश किया जाएगा। उनको हमारी टीम ट्रांजिट रिमांड पर सूरत लाएगी। हमें जानकारी मिली थी कि नारायण साईं दिल्ली और उसके आसपास ही है। पिछले डेढ महीने से लगातार उसे खोजने की कोशिश की जा रही थी। नारायण साईं के साथ उनके बॉडीगार्ड हनुमान, एक महिला भाविका और दो लोगों रमेश और विष्णु को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी को सूरत लाकर उनसे पूछताछ की जाएगी। दिल्ली पुलिस से हमें बहुत सहयोग मिला है। अक्टूबर में केस दर्ज होने के बाद उनसे लगातार संपर्क में थे। दिल्ली पुलिस को पूरा श्रेय जाता है। अस्थाना ने बताया कि ये लोग कुरूक्षेत्र में गौशाला से निकलकर पीपली के पास थे। पहले ये वहां से भागने की कोशिश कर रहे थे लेकिन पकडे गए। रमेश और विष्णु उनके करीबी सहयोगी हैं जो ड्राइवर का काम करते थे। उनको भी ट्रैक किया जा रहा था। नारायण आम कपडे पहने थे, सिर पर पगडी लगाए थे। कोशिश कर रहे थे कि सिखों जैसा परिधान नजर आए। नारायण साई ने प्रतिरोध नहीं किया, उसको समझ आ गया था कि उसका समय खत्म हो गया है। नारायण साईं की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी। गुजरात पुलिस ने उसकी तलाश में पूरा देश छान मारा था। दिल्ली, मधुबनी, अहमदाबाद सहित कई शहरों में उसके आश्रमों पर भी छापा मारा लेकिन वो हाथ नहीं आया। लुकआउट नोटिस जारी होने के बाद से ही नारायण पुलिस से छिपा-छिपा फिर रहा था। नारायण की तलाश में पुलिस नेपाल के जनकपुर और काठमांडू तक हो आई, लेकिन उसका पता नहीं चला। इस बीच गिरफ्तारी से बचने के लिए नारायण ने सूरत कोर्ट में अग्रिम याचिका भी दाखिल की जिस पर सुनवाई लगातार टलती रही और उसे राहत नहीं मिली। बीच-बीच में उसे देखे जाने की खबरें भी आईं, लेकिन वह पकड में नहीं आया। बता दें कि दो बहनों ने आसाराम और नारायण पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। बडी बहन ने आसाराम पर जबकि छोटी बहन ने नारायण पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इसी केस में पुलिस को नारायण साईं की तलाश थी।
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