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मुंबई। लोकसभा चुनावों के बाद संप्रग के सत्ता में बने रहने का विश्वास जताते हुए राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि अगर केंद्र में सत्तारूढ गठबंधन बहुमत से पीछे रह जाता है तो वह तीसरे मोर्चे के साथ मिलकर सरकार बनाने के विचार के खिलाफ नहीं हैं । पवार ने कहा, अभी तक तीसरा मोर्चा नहीं है । इस तरह की स्थितियां चुनावों के बाद आती हैं और फिर कुछ व्यावहारिक विकल्प उभरते हैं । यह पूछने पर कि क्या इस वक्त उन्हें इस तरह का विकल्प उभरते दिख रहा है तो उन्होंने कहा, अभी नहीं । मैं आपको स्पष्ट बता दूं कि अभी तक मैं दूसरे राज्यों में नहीं गया। मैं 24 अप्रैल के बाद जा सकूंगा जब महाराष्ट्र में अंतिम चरण का मतदान खत्म होगा। पवार ने कहा,यही कारण है कि मैंने अच्छी तरह से आंकलन नहीं किया है,अपनी खुद की जिम्मेदारियों के कारण मुझे दूसरे दलों के नेताओं से बात करने का अवसर नहीं मिला। बहरहाल उन्होंने कहा कि कांग्रेस से विमर्श के बाद ही तीसरे मोर्चे पर निर्णय किया जाएगा। प्रधानमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को मीडिया में बढा-चढाकर पेश करने से इत्तेफाक नहीं रखते हुए पवार ने कहा कि राजग को ज्यादा सीटें नहीं मिलने वाली और उन्होंने विश्वास जताया कि बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में संप्रग के सहयोगियों की संख्या कम नहीं होगी। पवार ने कहा, अगर आपको कोई विश्वसनीय विकल्प मुहैया कराना है तो संख्या आनी जरूरी है। उस संख्या (272 सीट) पर वे (भाजपा) कभी नहीं पहुंचेंगे । मैं समझ सकता हूं कि यहां-वहां एकदो सीट मिल सकती हैं लेकिन उसके बाद मेरा मानना है कि उस तरह की स्थिति नहीं होगी। उन्होंने कहा,मैं नहीं कह सकता कि कांग्रेस या संप्रग को स्पष्ट बहुमत मिलेगा लेकिन हमें सम्मानीय संख्या हासिल होगी। उन्होंने कहा, जो लोग स्थानीय ताकत हैं उनमें कम ही मोदी का पक्ष लेंगे। मेरा मानना है कि ममता बनर्जी भाजपा के साथ नहीं जुडेंगी। काफी संभावना है कि वह कांग्रेस नीत सरकार का समर्थन करें।
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