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नई दिल्ली। भाजपा के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के चुनाव लडने के कारण बनारस का चुनावी रण इस बार कुछ खास है। मोदी को चुनौती देने के लिए आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल जहां मैदान में उतरे हैं वहीं कांग्रेस के अजय राय को उतारा है। बनारस में चुनावी लडाई के पहले दिन मंगलवार को दिल्ली से यहां पहुंचे केजरीवाल ने अपने काम की शुरूआत जनसभा, लोगों से सीधा संवाद आदि से की। जनसभा में जुटे लोगों में आम आदमी पार्टी की तरफ से पर्चियां बांटी गईं, जिन पर लिखा था अरविंद से सीधे सवाल पूछिए। केजरीवाल की नजर मछली की आंख पर है। वाराणसी में करीब ढाई लाख मुस्लिम मतदाता हैं यानी कुल मतदाताओं का 16 फीसदी। केजरीवाल जानते हैं कि उनका दिल जीते बिना आगे की राह आसान नहीं होगी। यह वह वोट बैंक है जो भाजपा की राह भी मुश्किल कर सकती है। इसकी बानगी रेवडी तालाब की बुनकर कॉलोनी में देखने को मिली जहां के ज्यादातर निवासी आम आदमी पार्टी के समर्थक नजर आए। ऎसे में बनारस पहुंचते ही केजरीवाल सबसे पहले शहर काजी से मिलने पहुंचे। अरविंद की रणनीति उनके सिर पर सजी टोपी से भी साफ हो रही थी जिसमें उर्दू में भी लिखा था कि मैं आम आदमी हूं। शहर काजी ने जहां उनकी कामयाबी के लिए दुआ की, वहीं मठ के दरवाजे बंद मिले। एक मलिन बस्ती में तीखा सवाल भी हुआ। पूछा गया, केवल वोट मांगने आए हैं या नौकरी भी दिला सकते हो। अरविंद केजरीवाल का शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के प्रतिनिधि अविमुक्तेश्वरानंद से भी मिलने का कार्यक्रम थाष समय लेने के लिए विद्यामठ में फोन किया गया, तो जवाब मिला, "टाइम नहीं है"। बता दें कि अविमुक्तेश्वरानंद ने पहले ही अरविंद से मिलने से इनकार कर दिया था। दोपहर में अरविंद मलदहिया की मलिन बस्ती पहुंचे। बता दें कि इसी बस्ती में रहने वाले स्वीपर पवन की शनिवार को गटर में निरने से मौत हो गई थी। अरविंद पहुंचे थे बस्ती के लोगों का दुख बांटने, मगर महिलाओं ने उन्हें घेर लिया। वह पवन के घर पहुंचे तो उसकी पत्नी पिंकी ने सीधे सवाल कर दिया, केवल वोट मांगने आए हैं या कुछ कर भी सकते हैं। परिवार भूखों मरने के कगार पर है, दो बच्चो हैं कैसे पालूंगी! पति स्वीपर था, क्या आप नौकरी दिला सकते हैं। अरविंद चुप रहे और कुछ मिनटों बाद सांत्वना के दो शब्द कहकर हाथ जोड दिए। बनारस सीट से आप प्रत्याशी अरविंद केजरीवाल नामांकन के अंतिम दिन 23 अप्रैल को पर्चा भरेंगे। अरविंद ने मंगलवार शाम जन संवाद कार्यक्रम के बाद नामांकन की तिथि तय की। भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी 22 को और कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय अधिसूचना जारी होने के साथ ही 17 अप्रैल को नामांकन दाखिल करेंगे। मगर अरविंद के लिए परेशानी की बात यह है कि कोर्ट ने मंगलवार को परिवाद दर्ज कर सुनवाई के आदेश दिए। दरअसल, केजरीवाल 26 मार्च को जब बनारस आए, तो बेनियाबाग में उनकी रैली हुई थी। रैली मंच पर महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के चित्र के साथ झाडू को प्रदर्शित किया गया था। इसके खिलाफ बीएचयू के रमेशचंद्र राय ने अर्जी दायर की थी। बनारस में अरविंद केजरीवाल के लिए परेशान करने वाली बात यह भी है कि 2004 को छोडकर यह सीट 1991 से भाजपा के कब्जे में ही रही है। मुश्किल यहीं खत्म नहीं होती, बनारस में आम आदमी पार्टी के समर्थक हैं तो विरोधियों की संख्या भी कम नहीं है।
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