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बडा खुलासा: वाजपेयी राज में सीआईए की पीएमओ में थी सेंध

published: 16-04-2014

नयी दिल्ली। रॉ के पूर्व अधिकारी आर के यादव ने अपनी पुस्तक मिशन आरएंडए डब्ल्यू में कई हैरतअंगेज खुलासे किये हैं जो देश की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न खडे करते हैं। पुस्तक में कई ऎसे मामले उजागर किये गये हैं, जो न सिर्फ चौंकाने वाले हैं बल्कि कई सवाल भी खडे कर रहे हैं। मसलन, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में सीआईए की घुसपैठ, रामजेठमलानी से तस्कर के रिश्ते, गुप्त कोष की हेराफेरी के रॉ के वरिष्ठ अधिकारियों पर आरोप और राजीव गांधी हत्याकांड में रॉ की खामियां। आउटलुक पत्रिका ने अपने ताजा संस्करण में यादव की पुस्तक के हवाले से यह खुलासा भी किया है कि किस प्रकार आईसी-814 विमान के अपहरण में रॉ अधिकारी एसबीएस तोमर की लापरवाही सामने आयी थी। पुस्तक में यह बताया गया है कि किस तरह रॉ को रिश्तेदारों एवं परिचितों का विंग बना दिया गया है और देश की इस सर्वोच्च संस्था में भाई-भतीजावाद का बोलबाला है। रॉ के अधिकारी रहे रबींद्र सिंह के बारे में बताया गया है कि कैसे वह भारत से भागने में सफल रहे। रबींद्र सिंह रॉ में रहते हुए सीआईए के एजेंट थे और रॉ के ही दो पूर्व प्रमुखों से सूचनाएं लेते थे। सिंह को बचाने का आरोप वाजपेयी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्र पर भी लगा था कि किस तरह उन्होंने जांच में देरी की। लोकसभा चुनाव के कारण सिंह पर कार्रवाई नहीं हो पायी और वह भागने में कामयाब रहे। पुस्तक के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय में खुफिया ब्यूरो और रॉ की जो रिपोर्ट जाती थी उसकी कॉपी फ्रांस की विदेशी खुफिया एजेंसी के जरिये सीआईए तक पहुंचती थी। यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रधानसचिव के दफ्तर से हासिल होती थी। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि सीआईए ने प्रधानमंत्री कार्यालय में अपना जासूस प्लांट कर दिया था। रॉ की प्रति गुप्तचर शाखा ने रबींद्र सिंह के कार्यालय में कैमरा लगा दिया था जिससे यह पता चला कि रॉ के 57 अधिकारी रबींद्र सिंह को सूचना देते थे जिनमें रॉ के पूर्व प्रमुख एके वर्मा और विक्रम सूद शामिल थे। भागने के लिए रबींद्र का पासपोर्ट नेपाल में नाम बदलकर रामप्रसाद शर्मा के नाम से बनाया गया था जबकि रबींद्र की पत्नी का नाम दीपा कुमार शर्मा बताया गया था। उस समय इस मामले में बनी जांच कमेटी ने पाया कि रबींद्र सिंह की कारस्तानियों के बारे में आगाह करने में तत्कालीन रॉ प्रमुख सीडी सहाय, अतिरिक्त सचिव एसके त्रिपाठी, संयुक्त सचिव नीरज श्रीवास्तव, किशन वर्मा और एसबीएस तोमर शामिल थे। पुस्तक में तोमर को आईसी 814 विमान अपहरण के मामले में भी गंभीर लापरवाही का दोषी ठहराया गया है। उन्हें काठमांडू के एक रॉ एजेंट ने इस अपहरण की अग्रिम सूचना दी थी मगर तोमर ने इस जानकारी को संज्ञान में नहीं लिया बल्कि खुद भी उस विमान में सवार थे।

English Summary: ex RAW officer reveals, CIA had inroad in PMO in vajpayee regime
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