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नई दिल्ली। भारत में तलाक के पीछे नपुंसकता सबसे ब़डे कारण के रूप में सामने आई है। एक ताजा अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। अध्ययन में कहा गया है कि भारत में 20 से 30 फीसदी तक तलाक संतोषप्रद यौन जीवन की चाहत में होते हैं। भारत में "अल्फा वन एंड्रोलॉजी ग्रुप" तथा पुरूषों की यौन समस्याओं का समाधान करने वाले चिकित्सकों ने सम्मिलित रूप से यह अध्ययन किया है। इसके अंतर्गत स्तंभन दोष या नपुंसकता से पीç़डत लगभग 2,500 भारतीय पुरूषों पर अध्ययन किया गया। अध्ययन में 40 की आयु के बाद 50 फीसदी पुरूषों में स्तंभन दोष की शिकायत पाई गई, तथा 40 की आयु से पहले इससे 10 फीसदी पुरूष प्रभावित पाए गए। पुरूषविज्ञानी एवं सर्जन अनूप धीर ने बताया, ""स्तंभन दोष से पीडत 2,500 पुरूषों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि शारीरिक स्वास्थ्य के कारण प्रत्येक पांच में से एक पुरूष का तलाक हो गया तथा प्रत्येक 10 में से एक पुरूष का वैवाहिक जीवन टूटने के कगार पर पहुंच गया।"" अध्ययन के अनुसार अन्य रोगों की अपेक्षा नपुंसकता के बारे में लोगों की समझ बहुत खराब है तथा इसे गलत तरीके से हैंडल किया जाता है, परिणामत: वैवाहिक संबंध टूट जाते हैं। अध्ययन के अनुसार विवाहित जो़डे वर्ष में औसतन 58 बार या सप्ताह में एक या थो़डा अधिक बार सेक्स संबंध बनाते हैं। मधुमेह के कारण स्तंभन दोष होने का खतरा सर्वाधिक होता है और इसके बाद सबसे ब़डा कारण है उच्चा रक्तचाप। अपोलो अस्पताल में एंडोक्राइनोलॉजिस्ट सी. एम. बत्रा ने बताया कि आज की जीवनशैली से जु़डी कुछ बातें जैसे धुम्रपान, मदिरापान, मोटापा तथा शारीरिक श्रम की कमी आदि स्तंभन दोष के अन्य कारण हैं। धीर ने कहा, ""स्वस्थ वैवाहिक जीवन के लिए समय, प्रयास एवं दोनों व्यक्तियों द्वारा सामंजस्य की जरूरत होती है।"" धीर आगे बताते हैं कि भारतीय पुरूषों में आज भी स्तंभन दोष के लिए चिकित्सकीय सलाह लेने के प्रति काफी झिझक है। उन्हें इस बात का अहसास तब होता है जब उनका वैवाहिक संबंध टूटने के कगार पर आ जाता है या टूट जाता है।
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