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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा का सत्र बुधवार से शुरू हो गया है। सात दिन का यह सत्र 7 जनवरी को खत्म हो जाएगा। बुधवार को पहले विधायकों ने शपथ ली। शपथ ग्रहण की शुरूआत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की, हालांकि शपथ के बाद वह निकल गए। केजरीवाल के बाद मनीष सिसौदिया और दूसरे मंत्रियों ने भी शपथ ली। इन सबको शपथ दिलाने का काम कार्यवाहक विधासनभा अध्यक्ष मतीन अहमद ने किया। पहले दिन आज विधानसभा में नए विधायकों को शपथ दिलाई गई। आज सरकार विश्वास मत हासिल करने की कोशिश करेगी। अरविंद केजरीवाल सरकार की यह पहली अग्निपरीक्षा है। सरकार को विश्वास मत हासिल करना है। आम आदमी पार्टी के 28 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के आठ विधायक उन्हें बाहर से समर्थन दे रहे हैं। इसके साथ ही 3 जनवरी को विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने हैं। आम आदमी पार्टी ने अपनी ओर से एमएस धीर को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है। उपराज्यपाल नजीब जंग छह जनवरी को सदन को संबोधित करेंगे। सात जनवरी को जंग के अभिभाषण पर चर्चा होगी। दूसरी तरफ, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने नए साल पर दिल्लीवासियों को एक और तोहफा दिया है। उन्होंने अपने एक और बडे वादे को पूरा करते हुए 400 यूनिट तक बिजली खपत पर दरें आधी कर दी है। इसके लिए सरकार ने 50 प्रतिशत सब्सिडी देने की घोषणा की है। इससे पहले पानी की सप्लाई पर दिल्ली सरकार अपना पहला वादा पूरा करते हुए 20 हजार लीटर तक पानी मुफ्त मुुुुहैया कराने का ऎलान किया था। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में आप के 28 विधायक हैं जो बहुमत की संख्या से आठ कम है। आप को कांग्रेस के आठ विधायकों और एक जदयू विधायक का समर्थन है जिसके बदौलत वह बहुमत पा सकती है। सदन में भाजपा के 31 और सहयोगी अकाली दल का एक विधायक है। आप ने पहली बार विधायक बने एमएस धीर को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है। प्रतिदिन 667 लीटर मुफ्त पानी के वादे को अमलीजामा पहनाने के एक दिन बाद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में दिल्लीवासियों को बिजली दर में कटौती की सौगात का फैसला किया गया। इस सब्सिडी से दिल्ली के 28 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। विधानसभा चुनावों से पहले बिजली पर सब्सिडी देना आप के प्रमुख वादों में से एक था। बिजली पर सब्सिडी की घोषणा से एक दिन पहले केजरीवाल ने 20 किलोलीटर प्रति माह जल मुफ्त में देने की घोषणा की थी। सब्सिडी केवल तीन महीनों के लिए उपलब्ध होने से जुडे सवालों पर केजरीवाल ने कहा कि इस बारे में आगे के फैसले ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद होंगे। उन्होंने कहा कि तीनों कंपनियों द्वारा अपनी खातों की जांच कराने के प्रस्ताव पर सरकार को नजरिया पेश करने के बाद कैबिनेट की बैठक होगी। केजरीवाल ने कहा कि उनके जवाबों का अध्ययन करने के बाद ही हम इस बारे में फैसला करेगे कि ऑडिट होगा या नहीं। नियंत्रक के होने के बावजूद बिजली की दरों में कटौती के फैसले का अधिकार सरकार को
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