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नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के जनलोकपाल बिल को लेकर आप और केंद्र सरकार में तनातनी बढती दिख रही है। सॉलिसिटर जनरल मोहन पारासरन द्वारा जनलोकपाल बिल को असंवैधानिक बताए जाने के बाद आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल नजीब जंग पर ही हमला बोल दिया है और उन्हें कांग्रेस का एजेंट तक बता दिया है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली विधानसभा में जन लोकपाल विधेयक पारित करने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी अनिवार्य नहीं है। पत्रकारिता से राजनीति में आए आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग पर निशाना साधते हुए उन्हें कांग्रेस का एजेंट करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में ले. गवर्नर और सॉलिसिटर जनरल के बीच जो बातचीत हुई है, वह गोपनीय होती है। यह कैसे लीक हुआ, इसके पीछे राजनीति की जा रही है। आप सरकार को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कांग्रेस सियासत कर रही है। आशुतोष ने कहा कि हम उनसे अपील करते हैं कि वह कांग्रेस के एजेंट के रूप में काम करना बंद करें। इस पूरे मसले पर सॉलिसिटर जनरल का मशवरा, उनकी अपनी राय है, लेकिन हमारी राय में यह संवैधानिक है। आशुतोष ने कहा कि कांग्रेस-भाजपा को लगता है कि जितने भी दिन आप की सरकार रहेगी, भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के फंसने की गुंजाइश बनी रहेगी। अपने चुनावी वायदों को पूरा करने की हमारी कोशिश जारी रहेगी। उधर, सॉलिसिटर जनरल मोहन परासरन ने कहा कि हमें पॉलिटिक्स से मतलब नहीं है। हमने संवैधानिक रूप से अपनी राय दी है। यह अब सरकार पर निर्भर करता है कि वह क्या करती है और उसे क्या ठीक लगता है। दूसरी तरफ, अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस मसले पर मैं एलजी को चिट्ठी लिखूंगा। गौरतलब है कि सॉलिसिटर जनरल ने गुरूवार को दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा मांगी राय पर साफ कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बिना लोकायुक्त बिल गैर-कानूनी होगा, क्योंकि इस बिल में केंद्र की संचित निधि (कन्सोलिडेट फंड) से खर्च होता है। सॉलिसिटर जनरल का कहना है कि पहले से ही लोकपाल और लोकायुक्त कानून बना हुआ है, इसलिए दिल्ली सरकार को अपने जनलोकपाल बिल को उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए उनके पास भेजना होगा। यही नहीं, बिल को पास होने के बाद भी उपराज्यपाल और फिर राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाना होगा, लेकिन दिल्ली सरकार की राय इससे अलग है। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, जनता ने हमें चुना है और उससे ऊपर कोई नहीं है, वही यह फैसला करेगी कि कैसा लोकायुक्त बिल हो। इस बीच, दिल्ली कांग्रेस के नेता हारून यूसुफ ने कहा है कि अगर जनलोकपाल बिल की प्रçRया सही रहती है तो हम जरूर समर्थन करेंगे, लेकिन लोकसभा चुनाव को देखते हुए ये असंवैधानिक रूप से बिल लाना चाहते हैं। भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी का कहना है कि आम आदमी पार्टी की सरकार को संविधान के अंतर्गत रहकर काम करना होगा... जो वे कर रहे हैं, उससे तो यही साबित होता है कि वह व्यवस्था को जोडने नहीं, बल्कि तोडने आए हैं। सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि केजरीवाल भी जानते हैं कि उनकी सरकार ज्यादा दिन नहीं चलने वाली, इसलिए वह लोकसभा चुनाव को ध्यान रखकर इस तरह के असंवैधानिक फैसले ले रहे हैं, ताकि जनता को लुभा सकें। जन लोकपाल के लिए केंद्र की मंजूरी अनिवार्य नहीं... केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली विधानसभा में जन लोकपाल विधेयक पारित करने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी अनिवार्य नहीं है। उपराज्यपाल नजीब जंग को लिखे पत्र में केजरीवाल ने उनसे केंद्र सरकार के सामने घुटने नहीं टेकने की अपील की है। तीन पृष्ठों के अपने पत्र में केजरीवाल ने कहा है, "आपने संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली है, किसी दल या गृह मंत्रालय के प्रति निष्ठा की नहीं। संविधान को मरने मत दीजिए।" केजरीवाल ने यह पत्र सालिसीटर जनरल की कथित राय की प्रतिक्रिया में लिखा है। सालिसीटर जनरल ने उपराज्यपाल को दी गई अपनी राय में कहा है कि दिल्ली विधानसभा बिना केंद्र सरकार की मंजूरी के विधेयक पारित नहीं कर सकती है।
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