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नई दिल्ली। दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज होने के बाद फरार हुए नारायण साईं आखिर पुलिस से करीब दो महीने तक कैसे बचता रहा, इस सवाल का जवाब अब मिल गया है। गुजरात पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया गया है, जिसने साईं को फरार होने में मदद की थी। बतााय जा रहा है कि इस सब इंस्पेक्टर सीएम कुंभानी को नारायण साईं से दो करोड रूपए घूस लेने के आरोप में गिफ्तार कर लिया गया है। उसके पास दो करोड रूपये नकद बरामद कर लिए गए हैं। यह सब इंस्पेक्टर सूरत क्राइम ब्रांच का है जो नारायण साईं के दुष्कर्म केस की जांच से जुडा हुआ था। सूत्रों के मुताबिक, कुंभानी की गिरफ्तारी में फंसे नारायण साईं ने लुकआउट नोटिस जारी होने के बाद पुलिस से बचने के लिए Rाइम ब्रांच के सब-इंस्पेक्टर कंभानी को घूस में दो करोड रूपए दिए थे। कुंभानी पर आरोप है कि उसने नारायण साईं को भगाने में उसकी मदद की और इसकी एवज में उसने नारायण साईं से दो करोड रूपये लिए। सूत्रों के मुताबिक, नारायण साईं ने पुलिस को अपने साथी के जरिए पैसे दिलवाए थे। फिलहाल गिरफ्तारी के बाद इस सब इंस्पेक्टर से लगातार पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है, मगर माना जा रहा है कि सूरत पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना इस मामले में शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। बता दें कि विवादित प्रवचनकर्ता आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं ने दुष्कर्म की बात स्वीकारी है। सूरत की दो बहनों में से एक ने नारायण साईं और दूसरी ने आसाराम बापू पर दुष्कर्म के आरोप लगाए थे। पुलिस के मुताबिक, साईं ने अपनी आठ महिला अनुयायियों के साथ भी शारीरिक संबंधों की बात स्वीकार की और उनमें से एक से उसका बच्चा है। नारायण साईं दुष्कर्म का केस दर्ज होने के बाद 58 दिन फरार रहने के बाद गिरफ्तार हुआ था।
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