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सूरत। दुष्कर्म का आरोप लगने के फरार आशाराम के बेटे नारायण साईं को लडकियां सप्लाई करने में कोड वर्ड का इस्तेमाल किया जाता था। उदयपुर से गिरफ्तार साईं की सेविका गंगा ने सूरत पुलिस के समक्ष यह खुलासा किया है। गंगा ने पुलिस को बताया कि नारायण साईं के आश्रम में लडकियां सप्लाई के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल किया जाता था। उसके मुताबिक, साईं के लिए नई लडकी तैयार है के लिए "तिलक लगा लिया है", नई लडकी चुनने के लिए "भगवान का भोग तैयार हो गया है", आश्रम में लडकी रखने के लिए "तिलक मिट ना पाए, मुंह मत धोना" जैसे कोड वर्ड का इस्तेमाल होता था। गंगा से मिली जानकारी के मुताबिक, उसके और उसकी बहन जुमना नारायण साईं और उसके पिता आसाराम की करीबी थीं। गंगा के साथ साईं के सिर्फ शारीरिक संबंध थे जबकि जमुना आश्रम में साईं की पत्नी की तरह रहती थी। साईं जमुना के बेटे का बाप है। गंगा और जमुना को आश्रम में विशेष दर्जा प्राप्त था। साईं और आसाराम दोनों बहनों पर इतना भरोसा करते थे कि उनको प्रोपर्टी के दस्तावेज, सोना, कैश और निवेश के अन्य दस्तावेज सौंप रखे थे। 50 लडकियों का फैला रखा था नेटवर्क .... सूत्रों के मुताबिक, गंगा ने सूरत पुलिस को बताया है कि बाप बेटे ने 50 लडकियों का नेटवर्क फैला रखा था। साईं की सहयोगी सरस्वती उर्फ चंद्रिका आसाराम और उसके बेटे की मदद के लिए अमीर व्यापारियों से पैसा लाती थी। इनकी जमीन पर आश्रम बनाए जाते थे। इसके बदले चंद्रिका उन्हें लडकियां सप्लाई करती थी। छापे के दौरान सूरत पुलिस को ऎसे दस्तावेज हाथ लगे हैं, जिससे जमीन सौदे के लिए हवाला और ब्लैक मनी के इस्तेमाल का पता चला है।
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