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रायगढ़| आज जब पूरा देश लोकतंत्र के महापर्व का जश्न मना रहा है, वहीं छत्तीसगढ़ का एक गांव ऐसा है जहां लोकतंत्र का त्योहार तो मनाया गया मगर बिना मतदान के। रायगढ़ जिले के जुनवानी गांव में ग्रामीणों ने मतदान के बहिष्कार का एक नया तरीका निकाला है। इसके तहत ग्रामीणों ने लोकतंत्र के महापर्व का जश्न तो मनाया लेकिन मतदान नहीं किया। मतदान केंद्र के पास एक पेड़ के नीचे सारे गांव वाले बैंड पार्टी के साथ सुबह से पहुंचे। सामूहिक भोज का आयोजन किया। पूरा माहौल शादी वाला है। पर 500 से ज्यादा मतदाताओं वाले इस गांव के एक भी व्यक्ति ने वोट नहीं डाला। गांव के लोगों ने तय किया कि वह लोकतंत्र का उत्सव मनाएंगे मगर वोटिंग का बहिष्कार करेंगे। ग्रामीणों ने गांव के बाहर बोर्ड टांग दिया, जिसमें साफ लिखा था कि नेताओं का इस गांव में आना प्रतिबंधित है। सालों से गांव में विकास नहीं हुआ। लोग परेशान हैं। इसका विरोध करने का उन्होंने यह तरीका निकाला। जुनवानी गांव में ही पड़ोस के गांव सिवनी का पोलिंग स्टेशन है। सिवनी के बूथ में सुबह से ही भीड़ लगी थी। गांव वालों का कहना है कि 15 सालों से कोई नेता उनके गांव में झांकने तक नहीं आया। अफसरों ने भी चिंता नहीं की। गांव में न तो सड़क है, न पीने का साफ पानी। पिछले एक साल से आठ सौ लोगों की आबादी का यह गांव नाले का पानी पी रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि नेता चुनाव के दौरान वादे करते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद सब भूल जाते हैं। इस कारण गांव वालों ने ये फैसला लिया है।
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