CP1
पटना। बिहार मे व्याख्याताओ के तीन हजार से अधिक रिक्त पदो पर बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के जरिये नियुक्ति की जायेगी। विधानसभा मे आज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के अवधेश कुमार राय के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर मे शिक्षा मंत्री पी. के. शाही ने स्वीकार किया कि राज्य मे लंबे समय से व्याख्याताओ की बहाली नही होने के कारण तीन हजार से अधिक पद रिक्त है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 से पूर्व बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग के जरिये व्याख्याताओ की बहाली होती थी लेकिन आयोग के अस्तित्व मे नही होने के कारण बहाली का अधिकार विश्वविद्यालयो को दे दिया गया था। शाही ने कहा कि जिस तरह विश्वविद्यालयो मे कुलपतियो और प्रतिकुलपतियो की नियुक्ति मे गडबडी हुई है। इसे देखते हुये सरकार ने व्याख्याताओ की नियुक्ति मे पारर्दशिता लाने के उद्देश्य से बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम मे संशोधन करके बीपीएससी को इसकी जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि संशोधन के बाद व्याख्ताओ की नियुक्ति की जायेगी। व्याख्याताओ की नियुक्ति का मामला काफी समय से लंबित होने को लेकर प्रतिपक्ष के नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी और संसदीय कार्य मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव के बीच कुछ देर तक आरोपशप्रत्यारोपचलता रहा। बाद मे मंत्री ने कहा कि बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम मे संशोधन का प्रस्ताव विधान मंडल के चालू सत्र मे ही लाया जायेगा।
बिल गेट्स ने लिया मोदी का इंटरव्यू: PM बोले-भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में डीपफेक एक बड़ी चिंता
'बहुत सकून मिला है', अंसारी की मौत के बाद पीड़िता का बयान
पांच डॉक्टरों का पैनल करेगा मुख्तार अंसारी का पोस्टमार्टम, शाम को सुपुर्द-ए-खाक किया जा सकता है
Daily Horoscope