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नई दिल्ली भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर सांसद जगदम्बिका पाल व विश्व भोजपुरी सम्मेलन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अजीत दुबे की अगुवाई में देशभर के भोजपुरी संगठनों का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री से कहा कि कई दशकों से लम्बित यह मांग कई बार ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए संसद में उठी और पूर्व गृह मंत्री शविराज पाटलि सहित पूर्व गृह राज्यमंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल तथा अजय माकन ने भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने का आश्वासन दिया था। प्रतिनिधिमंडल ने शिंदे को याद दिलाया कि संसद के ग्रीष्मकालीन सत्र में 17 मई को तत्कालीन गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने संसद के मानसून सत्र में इससे सम्बंधित विधेयक संसद में पेश किए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन इन आश्वासनों पर निर्णायक कार्यवाही नहीं हो सकी। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि देश-विदेश के 20 करो़ड भोजपुरी भाषी बहुत उत्सुकता के साथ अपनी भाषा के इस सम्मान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वह भोजपुरी की संवैधानिक मान्यता सम्बंधी विधेयक संसद के अगले सत्र में पेश कर अवश्य पारित कराए। गृह मंत्री शिंंदे ने प्रतिनिधिमंडल को जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व कांगे्रस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इस मुद्दे को लेकर गंभीर हैं और सरकार इस मामले पर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि संसद के अगले सत्र में विधेयक पेश किया जाएगा । रतिनिधिमंडल में चौदह भाषाओं में प्रकाशति होने वाली पत्रिका "संडे इंडियन" के भोजपुरी व हिंदी संसकरण के प्रबंध संपादक ओंकारेश्वर पाण्डेय, भोजपुरी समाज, दिल्ली के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रभुनाथ पाण्डेय, पूर्वाचल एकता मंच के अध्यक्ष शिवाजी सिंह, पूर्वाचल जनहित मोर्चा के अध्यक्ष श्रीकांत यादव सहित उत्तर प्रदेश व बिहार में कार्यरत भोजपुरी की कई अन्य संस्थाओं के पदाधिकारी शामिल थे।
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